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चना, ग्वारसीड में मंदी का रुझान - एसएमसी

चना वायदा (जून) कीमतों के 3,575-3,630 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
उपभोक्ता केन्द्रों की ओर से चना दाल की कमजोर माँग के कारण हाजिर बाजारों में चने की माँग काफी कम हो रही है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा 2019 तक बफर स्टॉक कम करके 3,00,000 टन तक करने की अटकलों के कारण थोक खरीदार बाजार से दूरी बनाये हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी के रुझान पर कॉटन वायदा (जून) की कीमतों के उछाल के साथ खुलने की संभावना है, जिससे यह 21,630-21,700 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं।
आईसीई में कॉटन (जुलाई) वायदा की कीमतें 41.16% की उछाल के साथ 93.15 सेंट के स्तर पर कारोबार कर रही हैं। विश्व स्तर पर कपास के उत्पादों और कपड़ों की अधिक माँग के कारण भारत में कपास के धागों की मांग में वृद्धि हो रही है। रुपये के कमजोर होने से निर्यात माँग में भी बढ़ोतरी हो रही है। इस बीच विक्रेता कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद से काफी कम बिकवाली कर रहे हैं। हाजिर बाजारों में आवक में कमी और माँग में बढ़ोतरी होने की उम्मीद से हाजिर कीमतों में भी बढ़ोतरी हो रही है।
ग्वारसीड वायदा (जून) की कीमतों के 3,760-3,830 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। हाजिर बाजारों में कारोबार काफी सुस्त हो रहा है, क्योंकि मौजूदा सीजन में सामान्य मॉनसून के अनुमान से अधिकांश खरीदार बाजार से दूरी बनाये हुए हैं। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण ग्वारगम वायदा (जून) की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें 8,200 रुपये से नीचे ही कारोबार कर सकती हैं। (शेयर मंथन, 29 मई 2018)

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