हल्दी वायदा (जून) की कीमतों में 7,600-7,500 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। घरेलू बाजारों में कमजोर माँग के कारण निजामाबाद में हाजिर कीमतों में गिरावट के कारण सेंटीमेंट कमजोर है।
हल्दी वायदा (नवंबर) की वायदा कीमतों में शुक्रवार को गिरावट हुई और कीमतों के 7,230 रुपये पर बाधा के साथ 7,000 रुपये के स्तर तक नीचे पहुँचने की संभावना है।
हल्दी वायदा (जुलाई) की कीमतों में 7,100-7,000 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है क्योंकि स्थानीय उपभोक्ता केंद्रों और विदेशी बाजार की माँग में कमी आयी है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 8,400 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण हल्दी वायदा (सितंबर) कीमतों में कल गिरावट हुई है। कीमतों में अभी भी नरमी का रुझान है। कीमतों में 8,100 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 7,600 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 7,600 रुपये तक गिरावट होने की संभावना हैं।
हल्दी वायदा (नवंबर) में शॉर्ट कवरिंग (जवाबी खरीद) को 6,200 रुपये के नजदीक रुकावट का सामना करना पड़ सकता है।
हल्दी वायदा (नवंबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 6,300-6,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (जुलाई) की कीमतों के 6,100-6,200 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है।
हल्दी वायदा (सितंबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 6,920-7,120 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (जून) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 8,100-8,300 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (जून) की कीमतों में तेजी बरकरार रहने और 7,800 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 8,700-9,000 रुपये के स्तर तक बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
हाजिर बाजारों से बेहतर रुझानों के कारण हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 5,750-5,900 रुपये के दायरे में सीमित दायरे कारोबार करने की संभावना है।
हाजिर बाजारों से बेहतर रुझानों के कारण हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 5,800-5,900 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा की कीमतें पिछले सप्ताह के दौरान दर्ज बढ़त को बनाये रखने में सक्षम नहीं हो सकती है क्योंकि माँग की तस्वीर इतनी मजबूत नहीं है कि यह कीमतों में आगे भी इजाफा कर सके।
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रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने में अब तक नाकाम रहने से झुँझलाये अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर अपने टैरिफ की तलवार घुमा दी है। वहीं भारत ने स्पष्ट कर रखा है कि वह अपनी संप्रभुता और आर्थिक हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा और किसी के दबाव में नहीं आयेगा।
हर वर्ष हम एक अलग पद्धति से म्यूचुअल फंडों के प्रदर्शन की समीक्षा करके विशेष कर इक्विटी की अलग-अलग श्रेणियों में विजेता फंडों (Best Equity Funds) का चयन करते हैं।