हल्दी वायदा (सितंबर) की कीमतों में 6,700 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 5,700-5,600 रुपये तक गिरावट हो सकती हैं।
हाजिर बाजारों में नरमी क रुझानों के कारण हल्दी वायदा की कीमतों में 5,950-5,900 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
हाजिर बाजारों में नरमी क रुझानों के कारण हल्दी वायदा की कीमतों में 5,950 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों 6,200 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,800 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों में 6,000 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
एसएमसी के अनुसार बढ़ती त्योहारी माँग के कारण हल्दी वायदा (अक्टबूर) की कीमतें 6,000 रुपये के स्तर के करीब सहारे के साथ 6,400-6,500 रुपये तक वापसी कर सकती हैं।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 7,450-7,700 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (नवंबर) की कीमतों के 7,100-7,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 6,900-7,145 रुपये के दायरे मे कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें 6,860 के समर्थन स्तर से नीचे टूट सकती है।
हल्दी वायदा (मई) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 6,650-6,700 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (जून) की कीमतों में तेजी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें 7,800 रुपये के सपोर्ट के साथ 8,000-8,100 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं।
हाजिर बाजारों से बेहतर रुझानों के कारण हल्दी वायदा (जून) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 6,950-7,100 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
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आम लोग खुश हैं कि जीएसटी कम होने से चीजें सस्ती होंगी। महँगाई दर घटने वाला सस्तापन नहीं, असल में आपको पहले से कम पैसे खर्च करके सामान मिलेंगे। और सस्ता होने वाले सामानों की सूची बहुत लंबी है, अमीर-गरीब सबको फायदा मिलने जा रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने में अब तक नाकाम रहने से झुँझलाये अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर अपने टैरिफ की तलवार घुमा दी है। वहीं भारत ने स्पष्ट कर रखा है कि वह अपनी संप्रभुता और आर्थिक हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा और किसी के दबाव में नहीं आयेगा।