सरकार की गैर बैंकिंग फाइनेंस सब्सिडियरी यानी एनबीएफसी (NBFC) ने ग्रीन बॉन्ड्स के जरिए 6138 करोड़ रुपए जुटाए हैं। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जुटाई गई रकम योग्य ग्रीन प्रोजेक्ट्स को वित्तीय मदद के लिए आंशिक और पूरी तरह से किया जाएगा।
यह प्रोजेक्ट्स भारतीय रिजर्व बैंक और ईसीबी (ECB) के दिशानिर्देशों के मुताबिक मंजूरी हासिल होना चाहिए। एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कहा गया है कि कंपनी ने सफलतापूर्वक 6138 करोड़ रुपए जुटाए हैं। 700 करोड़ डॉलर की रकम वैश्विक मीडियम टर्म नोट प्रोग्राम के तहत जुटाई गई है। कंपनी ने बॉन्ड्स के जरिए रकम जुटाने के लिए सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका में रोडशो भी किए। कंपनी ने पिछले सप्ताह बाजार के स्थायी माहौल को ध्यान में रखकर फैसला किया है। अन्तरराष्ट्रीय बाजार में कंपनी की यह 10वां वेंचर है। किसी भारतीय एनबीएफसी की ओर से यह अभी तक का सबसे बड़ा सीनियर यूएसडी (USD) श्रृंखला है। इसके अलावा दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशियन कंपनी की ओर से जारी अभी तक का सबसे बड़ी सीनियर ग्रीन बॉन्ड श्रृंखला है।
बॉन्ड जारी करने की प्रक्रिया 3.5 गुना सब्सक्राइब हुई। इसमें 161 निवेशकों ने हिस्सा लिया। इसमें विश्व के हर हिस्से से निवेशकों ने हिस्सा लिया। जहां तक हिस्सेदारी की बात है तो एशिया-पैसेफिक (APAC) के 42 फीसदी, यूरोप, मिडिल-ईस्ट ऐंड अफ्रीका 26 फीसदी और अमेरिका के निवेशक 32 फीसदी शामिल हुए। इस बॉन्ड्स की अवधि 5 साल की होगी और 11 अप्रैल 2028 को मैच्योर होगी। इस बॉन्ड्स को जारी करने के लिए बार्केलेज, डीबीएस (DBS) बैंक, एमयूएफजी (MUFG) , स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की लंदन शाखा ज्वाइंट बुक रनर (joint book-runners) के तौर पर शामिल हुए।
(शेयर मंथन, 9 अप्रैल, 2023)
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