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क्या बाजार में रुक गया तेजी का संगीत?

राजीव रंजन झा : पिछले हफ्ते गुरुवार 16 मार्च की सुबह मैंने लिखा था कि बाजार की तेजी संगीत और कुर्सी (म्युजिकल चेयर) के खेल की तरह है।
जब तक संगीत बज रहा है, तब तक आप कुर्सी पर बैठ नहीं सकते। मगर संगीत बंद होते ही आपको तुरंत एक कुर्सी पकड़नी होती है, वरना खेल से बाहर! क्या भारतीय शेयर बाजार में 10 अप्रैल से चल रहा तेजी का संगीत रुक गया है? अगर इस हफ्ते सोमवार और मंगलवार की गिरावट यही बात कह रही है, तो आपको तुरंत तेजी के पाले से हट जाना चाहिए, वरना खेल से बाहर! लेकिन अगर आप तेजी के पाले से हट गये और उसके बाद पता चला कि वास्तव में संगीत बंद नहीं हुआ था, तो वैसी सूरत में भी आप बाहर! फिर इस समय क्या करेंगे?
कल जी बिजनेस पर मेरे कार्यक्रम में चार विश्लेषकों में से किसी ने भी न तो अगले दिन के लिए ऊपर या नीचे की साफ दिशा बतायी, न अगले दो हफ्तों की अवधि के लिए। यह बात साफ दिखाती है कि संगीत रुकने न रुकने को लेकर जानकारों के बीच अभी एकदम असमंजस है।
पिछले हफ्ते बाजार सोमवार की बड़ी गिरावट के बाद बुधवार को जिस रफ्तार और जिस बड़ी उछाल के साथ वापस पलटा था, उससे लग रहा था कि अभी इस तेजी में और दम-खम बाकी है। तब निफ्टी पिछले ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्तर 6357 से केवल करीब 3% दूर रह गया था। इसलिए लग रहा था कि ऐतिहासिक शिखर के इतने करीब और वो भी इतनी अच्छी चाल से आने के बाद अब यह उससे पहले क्या रुकेगा! लेकिन बाजार की चाल अपने ही अंदाज में होती है। इस हफ्ते केवल 2 सत्रों में एकदम मामूली गिरावट ने बाजार में तेजी जारी रहने के बारे में ज्यादातर जानकारों को शंका में डाल दिया है।
लेकिन इन दो सत्रों की गिरावट से पहले ही सोमवार की सुबह मैंने लिखा था कि “अब एकदम छोटी अवधि के नजरिये से खतरे का निशान 6146 पर लगाया जा सकता है। इसके नीचे जाने पर मुनाफावसूली उभर सकती है।” सोमवार को निफ्टी ने खतरे का यह निशान बचा लिया और उस दिन इसका निचला स्तर ठीक 6146 ही रहा। लेकिन कल मंगलवार को यह इसके नीचे फिसला और उसके बाद मुनाफावसूली उभरती हुई साफ नजर आयी। बेशक कल दोपहर बाद इसने वापस सँभलने की नाकाम कोशिश की और उसके बाद फिर से टूट गया, जिसके चलते आखिरी घंटे में काफी उतार-चढ़ाव दिखा।
यहाँ गौरतलब है कि 12 अप्रैल के बाद से कल पहली बार निफ्टी पिछले दिन के निचले स्तर के नीचे बंद हुआ है। इसलिए अगर आज यह कल के निचले स्तर 6102 के नीचे जाता दिखे तो इसे कमजोरी जारी रहने का स्पष्ट संकेत समझना चाहिए। मोटे तौर पर 6100 के नीचे फिसलने पर इसके लिए लगभग 6070 और उसके बाद 6050 और 6020 तक फिसलने की गुंजाइश बनेगी। वहीं कमजोरी से उबरने के लिए जरूरी होगा कि निफ्टी कम-से-कम 6135 के ऊपर निकल कर मजबूती का रुझान दिखाये। वैसी स्थिति में आज यह 6160-6170 के स्तर तक भी जा सकता है।
सोमवार की सुबह मैंने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के बारे में लिखा था कि “अगर आने वाले सत्रों में यह 2378-2360 के दायरे को तोड़ इसके नीचे न फिसले और 2439 से ऊपर चढ़ना शुरू करे तो यह जनवरी 2013 के शिखर 2552 को जल्दी ही छू सकता है। दूसरी ओर 2360 से नीचे जाने पर इसके लिए प्रमुख समर्थन स्तर 2271 और फिर 2170-2190 के दायरे में होंगे।” कल यह 2360 से कुछ नीचे 2354 तक फिसला और अंत में 2361 पर बंद हुआ। इसलिए आज एसबीआई पर खास नजर रखें, क्योंकि कल के निचले स्तर 2354 से नीचे जाने पर 2271 अगला स्वाभाविक लक्ष्य बन जायेगा। अब एसबीआई के लिए वापस मजबूती की स्थिति मोटे तौर पर 2400 के ऊपर जाने के बाद ही बन पायेगी।
सोमवार को मैंने रिलायंस के बारे में लिखा था कि यह “अप्रैल की शुरुआत से एक चढ़ती पट्टी (राइजिंग चैनल) बनाता दिख रहा है। बीते शुक्रवार को यह इस पट्टी की ऊपरी रेखा को छूने के बाद पलटता दिखा है। ऐसे यह इस पट्टी की निचली रेखा की ओर 800-810 की ओर लौट सकता है, जहाँ इसे 50 एसएमए और 20 एसएमए होने के चलते भी सहारा मिल सकता है।” कल जिस तरह रिलायंस ने पिछले दिन के निचले स्तर को तोड़ा और 829 तक फिसला, उससे लगता है कि यह 800-810 की ओर बढ़ रहा है। लेकिन ध्यान रखें कि इसका 200 दिनों का सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) 820 पर है, लिहाजा 820 से 810 के दायरे में इसे किसी भी मुकाम पर सहारा मिल सकता है। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 22 मई 2013)

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