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बाजार पर नोटबंदी का असर ज्यादा नहीं

kunal saraogiकुणाल सरावगी
सीईओ, इक्विटीरश
मेरा आकलन है कि निफ्टी जून 2017 में 8,500 और साल 2017 के अंत में 9,000 के पास होगा।

इस साल के लिए निफ्टी का दायरा ऊपर 9,400 और नीचे 7,400 तक का हो सकता है। नये साल में बाजार अमेरिका में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के चलते एक बदले हुए वैश्विक परिवेश के मुताबिक खुद को ढालेंगे। अमेरिका में जहाँ ब्याज दरें बढ़ेंगी, वहीं भारत में दरें घट रही हैं। मुझे उम्मीद है कि बजट के बाद भारतीय बाजार में एक तेजी आ सकती है। अभी नोटबंदी के चलते संभावित धीमापन, अमेरिकी डॉलर में मजबूती और भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने का रुझान चिंता के पहलू हैं।
काले धन पर सरकार के कड़े रुख के चलते आर्थिक व्यवधान आ सकता है। पर ब्याज दरों का चक्र नीचे आना और व्यक्तिगत आय कर एवं कंपनी कर में कमी आना सकारात्मक होगा। अगर सरकारी खर्च में वृद्धि और सरकारी कंपनियों का निजीकरण होना भी बाजार के लिए अच्छा होगा।
नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर होने वाला असर टिकाऊ और महत्वपूर्ण होगा। अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्सों को काफी बाधा आयेगी और उन्हें माँग में कमी का सामना करना होगा। पर अन्य हिस्से इससे तुलनात्मक रूप से अप्रभावित रहेंगे। शेयर बाजार पर इसका असर कम ही रहेगा, और जितना असर हो सकता था वह हो चुका है। (शेयर मंथन, 05 जनवरी 2017)

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