आर. के. गुप्ताएमडी, टॉरस म्यूचुअल फंडइस समय भारतीय पूँजी बाजार एक चौराहे पर है, जहाँ काफी अनिश्चितताएँ हैं।
अजय बग्गाकार्यकारी चेयरमैन, ओपीसी एसेट सॉल्यूशंससाल 2017 की पहली छमाही कमजोर रहेगी, लेकिन दूसरी छमाही में स्थिति सँभलेगी क्योंकि तब विकास दर फिर से तेज होगी।
मार्च और अप्रैल 2017 में किये गये फिक्की के नये आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2017-18 में 7.4% जीडीपी विकास दर का पूर्वानुमान लगाया गया है।
गौरव दुआरिसर्च प्रमुख, शेयरखानमेरे विचार से इक्विटी इस समय भारत में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला संपदा वर्ग है।
शरद अवस्थीरिसर्च प्रमुख, एसपीए सिक्योरिटीजमुझे शेयर बाजार में अभी अगले 3-4 महीनों के लिए एक बड़ी तेजी दिख रही है।
अंबरीश बालिगासीईओ, हनीकॉम्ब वेल्थ एडवाइजर्समुझे लगता है कि 2023 के पहले छह महीनों में बाजार कुछ नरम रहेगा और इस दौरान हमें बाजार में एक ठीक-ठाक गिरावट देखने को मिलेगी। इस अवधि का उपयोग अपने पोर्टफोलिओ में अच्छे शेयरों को जमा करने के लिए करना चाहिए, क्योंकि इसके बाद तेजी का अगला दौर लंबे समय तक चलेगा।
अमरजीत सिंहएमडी एवं सीईओ, क्वांट रोबो एनालिटिक्स लंबी अवधि में भारतीय शेयर बाजार को लेकर मेरा नजरिया बड़ी तेजी का है। निवेशकों को चाहिए कि वे बाजार में आने वाली गिरावटों को तकनीकी (टेक्निकल) और बुनियादी (फंडामेंटल) रूप से मजबूत शेयरों में खरीदारी के अवसर के रूप में देखें।
सौरभ जैनएवीपी - रिसर्च, एसएमसी ग्लोबलअब साल 2017 का बजट करीब महीने भर ही दूर रह गया है, लिहाजा क्षेत्रवार उम्मीदें लगायी जाने लगी हैं और कर में राहत की भी आशा है।
अमित भागचंदकाग्रुप सीईओ, आर.के. ग्लोबलमौजूदा मूल्यांकन पर भारतीय शेयर बाजार आकर्षक लग रहा है।
सुरेंद्र कुमार गोयलनिदेशक, बोनांजा पोर्टफोलिओभारतीय बाजार के लिए चिंता के मुख्य बिंदु कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि, रुपये की कमजोरी, फेडरल दरों में वृद्धि की आशंका आदि हैं।
सौरभ मित्तलएमडी, स्वदेशी क्रेडिट्समुझे बाजार काफी सकारात्मक लग रहा है।
प्रदीप सुरेकासीईओ, कैलाश पूजा इन्वेस्टमेंटभारतीय शेयर बाजार अभी उचित समय पर उचित मूल्यांकन पर है, लिहाजा बुनियादी रूप से मजबूत शेयरों में मध्यम से लंबी अवधि का निवेश शुरू करना चाहिए।
अनीता गांधीनिदेशक, अरिहंत कैपिटल मार्केट्सउभरते हुए देशों में भारत अब भी सितारा बना हुआ है।
नीरज दीवाननिदेशक, क्वांटम सिक्योरिटीजबाजार की भविष्य की दिशा इस बात से तय होगी कि नोटबंदी की अवधि पूरी होने के बाद कैसी स्थिति उभरती है और बजट में क्या सामने आता है।
विजय चोपड़ाएमडी एवं सीईओ, इनोच वेंचर्सम्यूचुअल फंडों के बढ़ते एयूएम और बाजार में निवेशकों का फिर से लौटना बाजार के लिए सकारात्मक पहलू हैं।
हेमेन कपाड़ियासीईओ, चार्टपंडितमुझे लगता है कि कुछ गिरावट आने पर बाजार अच्छा हो जायेगा।
दिलीप भट्टजेएमडी, प्रभुदास लीलाधरमेरी सलाह है कि निवेशकों को इस बाजार में गिरावट आने पर खरीदारी करनी चाहिए।
हितेंद्र वासुदेवतकनीकी विश्लेषकबाजार के लिए बड़ी चिंता यह है कि विकास दर घटेगी।
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के नये "फिक्की विनिर्माण सर्वेक्षण" में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2019) में 6.0% जीडीपी विकास दर रहने का अनुमान लगाया गया है।
जगदीश ठक्करनिदेशक, फॉर्च्यून फिस्कल हमें आशा है कि दक्षिण एशियाई देशों के अपने समकक्षों से भारतीय शेयर बाजार बेहतर प्रदर्शन करेंगे। अगले छह महीनों में निफ्टी 18,000 के स्तर से लगभग 1,200 अंक ऊपर और नीचे के दायरे में रहेगा।
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