आज पेश हुये आर्थिक सर्वेक्षण में उम्मीद जतायी गई है कि आने वाले समय में महँगाई नियंत्रण में रहेगी।
हालाँकि सर्वे में रुके हुये प्रोजेक्ट पर चिंता जताई गयी है। आर्थिक सर्वे के मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं-
महंगाई आने वाले समय में 5 से 5.5% के बीच संभव
विकास दर के लिये बने नये फॉर्मूले के आधार पर 2015-16 में 8.1% से 8.5% की विकास दर संभव
2015-16 के लिये विकास दर 8% से अधिक संभव
अर्थव्यवस्था के लिये 10% से ज्यादा की विकास दर हासिल करना संभव
सरकार 4.1% के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी।
वित्त वर्ष 2014-15 में चालू खाते का घाटा घटकर जीडीपी का 1% संभव
विदेशी निवेश के प्रवाह से रुपये में स्थिरता
नये आंकड़ों के मुताबिक अर्थव्यवस्था में सुधार हालाँकि अभी तेजी का रुख नहीं
वित्त वर्ष 2014-15 में 5 साल के औसत से ज्यादा अनाज उत्पादन का अनुमान
निर्यात बढ़ना अभी भी चुनौती, निर्माण और सेवा निर्यात का जीडीपी में हिस्सेदारी की ग्रोथ पिछले 5 सालों में थमी।
मध्यम अवधि में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3% रखने की जरुरत
व्यय में उपभोग की जगह निवेश को प्राथमिकता मिले
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये बांटे गये केरोसीन का 41% लीकेज होता है, जन धन योजना, मोबाइल, आधार कार्ड के जरिये लीकेज खत्म करना संभव
रुके हुये प्रोजेक्ट में सबसे ज्यादा हिस्सा मैन्युफैक्चरिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से जुड़े प्रोजेक्ट का (शेयर मंथन 27 फरवरी 2015)