के.आर. चोकसी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक देवेन चोकसी ने शेयर बाजारों में आज हुई गिरावट पर कहा कि पूँजी बाजार के लिए आज का दिन बहुत कठिन था।
एक तरफ रुपये में खासी गिरावट और दूसरी तरफ वैश्विक कारोबारी फंडों द्वारा निकासी ने इक्विटी बाजार को खाई में धकेल दिया। तकनीकी रूप से बाजार में बिकवाली बहुत ज्यादा हो चुकी है और खुले सौदों की संख्या बहुत निचले स्तर पर है लेकिन उतार-चढ़ाव बहुत ज्यादा है। एक अल्पकालिक तेजी की उम्मीद है जो इसी हफ्ते आ सकती है हालांकि इससे संभवत: किसी को निम्न स्तर पर खरीद का अवसर नहीं मिल सकेगा। मैं चाहूँगा कि भारत में विदेशी पोर्टफोलियों निवेशकों (एफपीआई) की ओर से दीर्घकालिक पूँजी प्रवाह मिले।
श्री चोकसी ने कहा कि जब तक परियोजनाएँ जमीन पर नहीं उतरेंगी और इसके परिणामस्वरूप पूँजी प्रवाह आकर्षित नहीं होगा, भारतीय रुपये में सुधार या स्थिरता नहीं आयेगी। कामना कीजिये कि जीएसटी और भूमि अधिग्रहण विधेयक अपने मुकाम पर पहुँचें। कच्चे तेल की निम्न कीमतों ने निश्चित रूप से निम्न महँगाई की संभावना बढ़ा दी है जो कायम रह सकती है। निम्न महंगाई दर की स्थिति में आरबीआई ब्याज दरों में कटौती कर आक्रामक रुख अपना सकता है। जैसे आसार हैं, उसमें फेडरल रिजर्व 2 सितंबर, 2015 की समीक्षा बैठक में ब्याज दर बढ़ाने का निर्णय नहीं कर सकता, इसलिए आरबीआई 29 सितंबर, 2015 को होने वाली नीतिगत समीक्षा के पहले ही ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। हालांकि पहले ही शुरू हो चुकी मुद्रा युद्ध, जो पूरी दुनिया में जंगल की आग की तरह फैल रही है, में भारत 10 खरब डॉलर के बुनियादी ढाँचे पर व्यय आधारित विकास अवसरों के तहत अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में है। आखिरकार उपभोक्ता व्यय ही उपभोग आधारित विकास को समर्थन दे सकता है।
चोकसी ने कहा कि वक्त बहुत अप्रत्याशित है। मूल्यांकन पर कड़ी निगाह बनाये रखें क्योंकि बाजार कम मूल्यांकन और उच्च क्षमता के शेयरों की पहचान आसानी से कर सकता है। चोकसी के मुताबिक उनके विचार से भारतीय अर्थव्यवस्था और कारपोरेट आय सुधार की कगार पर है हालांकि हालातवश लाभ उठा रही और विदेशी मुद्दा में अत्यधिक सौदे करने वाली कंपनियाँ आगामी नतीजों में नकारात्मक रूप से चौंका सकती हैं। बिना गुणवत्ता वाली कंपनियों से दूर रहें और गुणवत्ता पूर्ण शेयरों पर दाँव लगायें जिनकी प्रवर्तक, प्रबंधन, व्यवसाय और वित्तीय खातों का रिकॉर्ड स्वत:सिद्ध हो। बाजार में आयी खलबली के बावजूद शांत रहें और इस झंझावात के गुजर जाने पर ध्यान केंद्रित करें।