आलोक रंजन ठाकुर जानना चाहते हैं कि उन्हें कल्याण ज्वैलर्स के शेयर में आगे क्या करना चाहिए? आइए, बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार से जानते हैं कि शेयरों में आगे क्या होने की संभावना है?
बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार इस सवाल के जवाब में कहते हैं कि ज्वेलरी बिजनेस की असली ताकत सिर्फ गोल्ड के दामों में नहीं, बल्कि अफोर्डेबिलिटी (सामर्थ्य) और डिमांड (मांग) में छिपी होती है। जब सोने की कीमतें लगातार ऊंची होती जाती हैं, तो ग्राहक की खरीदने की क्षमता घटने लगती है। यानी प्रोडक्ट उपलब्ध तो है, पर लोग उसे खरीद नहीं पाते। यही कारण है कि सोने के भाव बढ़ने के बावजूद ज्वेलर्स की सेल्स ग्रोथ धीमी पड़ जाती है। कल्याण ज्वेलर्स में अभी बहुत ऊंची उम्मीदें रखना उचित नहीं है। कंपनी का बिजनेस मजबूत जरूर है, लेकिन मौजूदा वैल्यूएशन और अफोर्डेबिलिटी की चुनौती को देखते हुए, स्टॉक में आने वाले महीनों में टाइम-करेक्शन या सीमित रिटर्न की ही संभावना ज्यादा है। निवेशक अगर लंबी अवधि के लिए सोच रहे हैं, तो धीरे-धीरे और संतुलित मात्रा में एंट्री लेना ही समझदारी होगी। सोने की चमक में आंखें बंद करके नहीं।
(शेयर मंथन, 18 अक्टूबर 2025)
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