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क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना के तहत मंत्रिमंडल ने 4,500 करोड़ रुपये का किया आवंटन

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को 4,500 करोड़ रुपये की लागत से देश भर में "बिना सेवा और कम सेवा वाले हवाई अड्डों" को "पुनर्जीवित और विकसित" करने के लिए हरी झंडी दे दी।


कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पत्रकारों को बताया कि इस निर्णय से देश भर में क्षेत्रीय हवाई संपर्क के लिए बुनियादी ढाँचे को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
एक सरकारी बयान में कहा गया कि मंत्रिमंडल ने राज्य सरकारों, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI), सिविल एन्क्लेव, सेंट्रल पब्लिक सेक्टर यूनिट्स (CPSU), हेलिपैड्स और वाटर एयरोड्रोमों के पुनरुद्धार और बिना सेवा वाले हवाई पट्टियों के पुनरुद्धार और विकास को मंजूरी दी है।
वित्त मंत्री जेटली ने आगे बताया कि मंत्रालय को अब तक आयोजित क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (RCS) बोली के दो राउंड में एयरलाइंस से भारी प्रतिक्रिया मिली है।
एक बयान में बताया गया है कि छोटे शहरों/कस्बों को अंडर-सर्व/अन-सर्व्ड एयरपोर्ट्स के लिए उड़ानों के संचालन की शुरूआत करके जोड़ा जायेगा। बुनियादी ढाँचे के विकास से रोजगार बढ़ेगा और आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
UDAN (Ude Desh Ka Aam Nagrik) बोली लगाने के पहले दौर में, 31 मार्च, 2017 को 43 गैर-सेवारत/अयोग्य हवाई अड्डों/हवाई पट्टियों के लिए 128 एयरलाइनों को पाँच मार्गों को सौंपा गया था। एयरलाइन ऑपरेटरों से प्रतिक्रिया दूसरे दौर में काफी सुधरी थी। एयरलाइन ऑपरेटरों को 325 मार्गों से जुड़े 86 प्रस्तावों में से जनवरी, 2018 में 15 को चयनित किया गया।
UDAN योजना उड़ान को सस्ती बनाने के साथ-साथ बिना लाइसेंस और कम सेवा वाले हवाई अड्डों को जोड़ने का प्रयास करती है।
UDAN योजना के तहत हवाई अड्डों का पुनरुद्धार 'मांग चालित’ है, जो एयरलाइन ऑपरेटरों से दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ-साथ राज्य सरकारों से विभिन्न रियायतें प्रदान करने के लिए है, क्योंकि हवाई अड्डे को इसकी वित्तीय व्यवहार्यता पर जोर दिए बिना विकसित किया जाएगा। (शेयर मंथन, 07 मार्च 2019)

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