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दुश्मन संपत्ति बेच कर सरकार ने अप्रैल में जुटाये 1,874 करोड़ रुपये

सरकार ने पहली बार दुश्मन संपत्तियों (Enemy Properties) की बिकवाली की है।

सरकार ने अप्रैल में दुश्मन संपत्तिों की बिकवाली के जरिये 1,874 करोड़ रुपये जुटाये हैं। गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में सरकार ने विनिवेश के जरिये 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है और दुश्मन संपत्तिों की बिकवाली के माध्यम से जुटायी गयी राशि इसी का हिस्सा है।
चालू वित्त वर्ष में अब तक सरकार ने विनिवेश लक्ष्य में से 2,350 करोड़ रुपये प्राप्त कर लिये हैं, जिनमें दुश्मन संपत्तिों की बिकवाली के जरिये 1,874 करोड़ रुपये के अलावा 476 करोड़ रुपये रेल विकास निगम (Rail Vikas Nigam) के आईपीओ (IPO) से आये हैं।
बता दें कि नवंबर 2018 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) को 'शत्रु शेयरों’ और 'शत्रु संपत्तियों’ को बेचने के लिए हरी झंडी दिखा दी थी। इसमें उन लोगों की संपत्ति को संदर्भित किया जाता है, जो पाकिस्तान या चीन जा चुके हैं और अब भारत के नागरिक नहीं हैं।
इसके बाद मार्च 2019 में मंत्रिमंडल ने ‘कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी फार इंडिया (सीईपीआई)’ के अंतर्गत आने वाली अचल शत्रु संपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए तंत्र को मंजूरी दे दी।
जानकारी के लिए बता दें कि 1965 में हुए भारत-पाक युद्ध के बाद 1968 में 'शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968' संसद द्वारा पारित किया गया था, जिसके मुताबिक शत्रु संपत्ति पर भारत सरकार का अधिकार होगा। अब तक 9,500 शत्रु संपत्तियों की पहचान की गयी है, जिनमें अधिकतर पाकिस्तान के नागिरकों की है। (शेयर मंथन, 01 मई 2019)

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