शेयर मंथन में खोजें

5 वर्षों में जीडीपी में एमएमएमई की भागीदारी बढ़ा कर 50% करने का लक्ष्य - नितिन गडकरी

केंद्रीय सूक्ष्म लघु और मझोले उद्यम तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने सोमवार 24 सितंबर को नयी दिल्ली में 16वें ग्लोबल एसएमई बिजनेस समिट 2019 (16th Global SME Business Summit) का उद्घाटन किया।

सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने कहा कि पूँजी, रसद तथा बिजली की लागत में कमी भारतीय एमएसएमई (MSME) क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
बता दें कि यह सम्मेलन हर साल एमएसई मंत्रालय और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित किया जाता है। इस वर्ष के समिट का विषय है- ‘भारतीय एमएसएमई को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना’।
नितिन गडकरी ने इस क्षेत्र में घरेलू और विदेशी निवेश और सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि भारत के एमएसएमई क्षेत्र में वृद्धि और रोजगार सृजन की अपार संभावनाएँ मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि शहर आधारित उद्यमों के साथ-साथ ग्रामीण और कृषि आधारित उद्यमों का एकीकृत विकास सरकार की प्राथमिकता है। गडकरी के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में शहद, बांस, वस्त्र, जैव ईंधन, जल परिवहन, मत्स्य, खाद्य प्रसंस्करण और शहरी क्षेत्रों में रक्षा, रेलवे, राजमार्ग, जलमार्ग और अन्य उद्योगों की सहायक इकाइयों में विकास की भरपूर योजनाएँ मौजूद हैं। उन्होंने निवेशकों से आगे आने और निवेश एवं सहयोग करने का आह्वान किया।
गडकरी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में जीडीपी में एमएमएमई की मौजूदा 29% की भागीदारी को बढ़ा कर 50% करना है तथा निर्यात में इसके योगदान को 49% से बढ़ा कर 60% करना है। उन्होंने कहा कि इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए रसद, बिजली और पूँजी की लागत में कमी लाना जरूरी है।
सस्ती पूँजी के लिए मंत्रालय ऋण सहायता के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी), केएफडब्ल्यू (KFW) तथा विश्व बैंक (World Bank) के साथ चर्चा कर रहा है। 200 एसएमई शेयर बाजार में पंजीकृत हैं और गडकरी अन्य कंपनियों से पंजीकृत होने का अनुरोध कर रहे हैं। विलंब से होने वाले भुगतानों से संबंधित एमएसएमई की समस्या पर भी गौर किया जा रहा है। कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि यू.के. सिन्हा समिति की रिपोर्ट को जल्द ही कार्यान्वित किया जायेगा।
बिजली और रसद की लागत में कमी लाने के लिए गडकरी ने ऊर्जा ऑडिट और ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि केएफडब्ल्यू के सहयोग से एमएसएमई को रूफ टॉप सोलर प्लांट मुहैया किये जायेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जल परिवहन के उपयोग से रसद संबंधी लागत में कमी लायी जा सकती है।
गडकरी ने कहा कि एमएसएमई को अपने उत्पाद स्थानीय साथ ही साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बेचने में समर्थ बनाने के लिए उनका मंत्रालय जल्द ही ई-कॉमर्स वेबसाइट ‘भारत मार्ट’ का शुभारंभ करेगा।
इस अवसर पर एमएसएमई सचिव डॉ. अरूण कुमार पांडा ने बताया कि मंत्रालय एक डिजिटल एमएसएमई पोर्टल विकसित करने की प्रक्रिया में है, जो इस क्षेत्र के सभी हितधारकों के आभासी या वर्चुअल मीटिंग प्लेस के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि इस समय 75 लाख से ज्यादा एमएसएमई मंत्रालय के साथ पंजीकृत है, यह उन्हें एक मंच प्रदान करेगा, जहाँ वे धनराशि, ज्ञान, प्रौद्योगिकी, कौशल और विपणन संबंधी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए वैश्विक स्तर पर संपर्क कायम कर सकेंगे और इस प्रकार वे ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनेंगे और वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकृत हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि उद्यमी के कौशल का विकास करने के लिए 135 नये टूल रूम्स और प्रौद्योगिकी केन्द्र खोले जा रहे हैं।
सम्मेलन के दूसरे दिन यानी आज कंट्री सेशन्स, रीजनल सेशन्स और बी2बी बैठकों के अलावा ई-कॉमर्स डिजिटीकरण पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा। (शेयर मंथन, 25 सितंबर 2019)

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

देश मंथन के आलेख