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ट्रंप सरकार की नीतियों से भारत को होंगे कई फायदे, आईटी-दवा-डिफेंस कंपनियों को मिलेंगे नये मौके

नये साल की शुरुआत के साथ अमेरिका में डोनाल्यीड ट्रंप के नेतृत्व में नयी सरकार अस्तित्व में आ जायेगी। डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बनने के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था और वैश्विक व्यापार पर बड़े असर दिख सकते हैं। भारत भी उनसे अप्रभावित नहीं रहने वाला है। मोतीलाल ओसवाल की एक हालिया रपट की मानें तो ट्रंप सरकार की व्यापार नीतियाँ भारत को भी सीधे तौर पर प्रभावित कर सकती हैं।

अमेरिकी निर्यात पर पड़ सकता है असर

मोतीलाल ओसवाल ने अल्फा स्ट्रेटजिस्ट के नवंबर संस्करण में बताया है कि ट्रंप सरकार बनने के बाद अमेरिका की व्यापार नीतियों के क्या असर हो सकते हैं। मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ के अनुसार, ट्रंप की ‘सबसे पहले अमेरिका (अमेरिका फर्स्ट)’ की नीति अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बदल सकती है। डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए आयात खासतौर पर चीन से आयात कम करने का तरीका अपना सकते हैं। हालाँकि अगर अमेरिका के द्वारा आयात पर शुल्क में बढ़ोतरी की जाती है, तो उसके जवाब में अमेरिका के निर्यात पर बाकी देश जवाबी शुल्क लगा सकते हैं। इससे कृषि और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में अमेरिकी निर्यात प्रभावित हो सकता है।

सुस्त पड़ सकती है यूरोप की आर्थिक वृद्धि

ब्रोकरेज कंपनी का मानना है कि यूरोपीय संघ अमेरिकी सामानों पर जवाबी शुल्क लगा सकता है, जिससे वाहन और इस्पात जैसे उद्योग प्रभावित हो सकते हैं। इन कदमों के चलते यूरोप की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार कम पड़ सकती है।

चीन के नुकसान से मैक्सिको को हो सकता है फायदा

रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप सरकार की व्यापार नीतियों से उभरते बाजारों पर मिलता-जुलता असर पड़ सकता है। उनके सामने चुनौतियाँ आ सकती हैं और साथ ही नये अवसर भी खुल सकते हैं। कुछ देशों के लिए मजबूत डॉलर और ज्यादा शुल्क के चलते निर्यात महँगा हो सकता है। खास तौर पर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और दवा (फार्मा) क्षेत्रों पर असर हो सकता है। वहीं दूसरी ओर चीन से विनिर्माण गतिविधियाँ अन्य देशों में जाने से मैक्सिको जैसे देशों को फायदा हो सकता है।

ट्रंप की नीतियों से बदल जाएगी वैश्विक राजनीति

व्यापार नीतियाँ बदलने का असर भू-राजनीति पर भी दिख सकता है। ट्रंप सरकार की नीतियों के चलते अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ने का डर है। जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों को नये सिरे से अपनी रणनीति बनाने की जरूरत पड़ सकती है। यूरोपीय संघ बदली परिस्थितियों में ज्यादा आत्मनिर्भर बनने के प्रयास कर सकता है और अमेरिकी प्रभाव से निकलकर नये गठजोड़ बना सकता है।

भारत को इन क्षेत्रों में हो सकता है लाभ

ट्रंप सरकार की नीतियाँ भारत के लिए कई लिहाज से फायदेमंद साबित हो सकती हैं। ब्रोकरेज फर्म का आकलन है कि अगर ट्रंप सरकार अमेरिका में कंपनियों के लिए कर की दरें कम करती है, तो कंपनियाँ सूचना प्रौद्योगिकी पर खर्च बढ़ा सकती हैं। इससे भारत की आईटी कंपनियों को फायदा हो सकता है। दूसरी ओर मजबूत डॉलर और बढ़े शुल्क से भारत के निर्यात पर नकारात्मक असर हो सकता है। नीतियों में बदलाव होने और चीन के विकल्पों की तलाश (चाइना+1) के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत अपनी भूमिका बढ़ा सकता है। कृत्रिम मेधा (एआई) और सेमीकंडक्टर जैसे प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में भारत को विशेष फायदा हो सकता है। दवा और रक्षा जैसे क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों को नये अवसर मिल सकते हैं।

(शेयर मंथन, 23 नवंबर 2024)

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