
विदेशी निवेशकों की बिकवाली से लहुलुहान बाजार में लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक सभी औंधे मुंह गिर रहे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा पिटायी स्मॉलकैप और मिडपैक सूचकांक में देखने को मिली है।
औंधे मुंह गिरा स्मॉलकैप सूचकांक
एक हफ्ते में निफ्टी का स्मॉलकैप 100 सूचकांक करीब 10% लुढ़क चुका है। ये मार्च 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। मार्च 2020 में स्मॉलकैप इंडेक्स करीब 18% टूट गया था। इस साल जनवरी से फरवरी में अब तक स्मॉलकैप इंडेक्स 18% लुढ़क चुका है। वहीं सितंबर के रिकॉर्ड हाई से 22% गिरावट अब तक दर्ज की जा चुकी है। इंडेक्स की मौजूदा गिरावट कोरोना काल की याद दिला रही है। स्मॉलकैप इंडेक्स में इस तरह का दबाव जनवरी 2022 के दौरान दिखाई दिया था।
नहीं संभल रहा मिडकैप सूचकांक
स्मॉलकैप की कहानी निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक में भी दोहराती दिख रही है। ये इंडेक्स भी 2025 की शुरुआत से अब तक 13% गिर चुका है और पिछले साल सितंबर के हाई से 18% से ज्यादा गिर चुका है। यहाँ भी गिरावट कोराना काल जैसी दिख रही है। मिडकैप में इतनी गिरावट इससे पहले अक्टूबर 2021 और जून 2022 में देखने को मिली थी जब इंडेक्स 13% टूटा था।
अंधेरे के बाद नया सूरज निकलेगा
कोरोना काल में बाजार काफी गिरा था, लेकिन मार्च 2023 के बाद लगातार 18 महीनों तक तेजी बनी रही थी। बाजार पिछला रिकॉर्ड तोड़ते हुए रोज नये रिकॉर्ड बना रहा था। इस दौरान 1-2 नहीं बल्की पूरे 113% की तेजी देखने को मिली थी और वो भी बिना किसी गिरावट के। इसलिए बाजार के जानकार इस गिरावट को एक करेक्शन की तरह देख रहे हैं।
(शेयर मंथन, 18 फरवरी 2025)
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