
अमेरिका की प्रमुख वित्तीय कंपनी ने 'टैरिफ वॉर' के बीच दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर भरोसा जताया है। इसके साथ ही कंपनी ने उभरती अर्थव्यवस्थाओं की रेटिंग बढ़ा कर ओवरवेट कर दी है। इसके साथ ही, 'टैरिफ वॉर' के दौर में भारत सुरक्षित ठिकाने के तौर पर उभरेगा। कंपनी का कहना है कि देश के आर्थिक परिदृष्य में तेजी से बदलाव आ रहा है। ब्याज दरों में कटौती, ग्रामीण माँग की वापसी और कर में कटौती से विकास को बढ़ावा मिल रहा है।
जेपी मॉर्गन ने सोमवार (19 मई) को उभरते बाजार की इक्विटी पर अपनी रेटिंग को 'तटस्थ' से बढ़ाकर 'ओवरवेट' करने की घोषणा की। इसके लिए उसने अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में कमी और डॉलर में नरमी का हवाला दिया। जेपी मॉर्गन भारत, ब्राजील, फिलीपींस, चिली, संयुक्त अरब अमीरात, यूनान और पोलैंड जैसे उभरते बाजारों के प्रति सकारात्मक है और चीन में, विशेष रूप से आईटी शेयमें, आशाजनक अवसर देखता है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अनिश्चित और आक्रामक नीतियों पर चिंताओं के बीच उभरते बाजार का स्टॉक सूचकांक एमएससीआई (MSCIEF) इस वर्ष अब तक 9% चढ़ चुका है, क्योंकि सुरक्षित-हेवन डॉलर सहित अमेरिकी परिसंपत्तियों में विश्वास कमजोर हुआ है। इस वर्ष अब तक डॉलर सूचकांक 7.5% की गिरावट आ चुकी है।
भारत पर जेपी मॉर्गन का कहना है कि टैरिफ वॉर की चिंताओं के बीच भारत निवेश के सुरक्षित ठिकाने की तरह उभरेगा। इस वर्ष सामान्य मानसून और कमोडिटी कीमतों में नरमी से वित्त वर्ष 2025-26 की आय को बढ़ावा मिलेगा। कंपनी ने कहा कि भारत की जीडीपी उसकी कवरेज वाली उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सबसे मजबूत रह सकती है। कंपनी का कहना है कि भारत की आर्थिक साइकिल बदल रही है। आर्थिक रफ्तार में तेजी है, ब्याज दरों में नरमी शुरू हो चुकी है और कर कटौती से विकास को बढ़ावा मिल रहा है।
(शेयर मंथन, 20 मई 2025)
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