
टाटा कम्युनिकेशंस ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं, जो मिले-जुले संकेत देते हैं। जहाँ कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू मामूली रूप से घटा है, वहीं एबिटा और मार्जिन में थोड़ी मजबूती देखी गई है। लेकिन सबसे बड़ा झटका मुनाफे में आई जबरदस्त गिरावट है।
आय में मामूली गिरावट
पहली तिमाही में कंपनी की कंसोलिडेटेड आय 5,990 करोड़ रुपये से घटकर 5,960 करोड़ रुपये हो गई है, यानी तिमाही-दर-तिमाही आधार पर मामूली गिरावट दर्ज की गई है। इसका मतलब है कि कंपनी की टॉपलाइन में इस तिमाही खास बढ़त नहीं दिखी।
मुनाफे में बड़ी गिरावट
सबसे चौंकाने वाली बात रही कंपनी का शुद्ध मुनाफा, जो पिछली तिमाही में 1,040 करोड़ रुपये था, वह गिरकर इस तिमाही में सिर्फ 190 करोड़ रुपये रह गया है, यानी तिमाही आधार पर लगभग 82% की गिरावट। ये गिरावट निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन सकती है और बाजार में कंपनी के शेयर पर दबाव डाल सकती है।
एबिटा में हल्की बढ़त
हालाँकि ऑपरेशनल स्तर पर टाटा कम्युनिकेशंस ने थोड़ी मजबूती दिखाई है। पहली तिमाही में कंपनी का एबिटा 1,121 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,136 करोड़ रुपये हो गया है। यानी ऑपरेशनल परफॉर्मेंस में कुछ सुधार जरूर रहा।
मार्जिन में सुधार
कंपनी का एबिटा मार्जिन 18.7% से बढ़कर 19.1% हो गया है। इसका मतलब है कि कंपनी ने अपनी लागतों को बेहतर तरीके से कंट्रोल किया है और टॉपलाइन में भले बढ़ोतरी नहीं हुई हो, लेकिन मुनाफे पर दबाव के बावजूद मार्जिन बेहतर बनाए रखने में सफल रही है।
फंड जुटाने की योजना
टाटा कम्युनिकेशंस के बोर्ड ने एनसीडी यानी नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर्स के ज़रिए 1,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की भी मंजूरी दी है।
(शेयर मंथन, 18 जुलाई 2025)
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