
देश के प्रमुख प्राइवेट सेक्टर बैंकों में शामिल एक्सिस बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। नतीजे मिले-जुले रहे हैं। जहाँ एक तरफ बैंक का शुद्ध मुनाफा गिरा है, वहीं नेट इंटरेस्ट इनकम (एनआईआई) में थोड़ी बढ़त देखने को मिली है। हालाँकि बढ़ते एनपीए और प्रोविजनिंग निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन सकते हैं।
मुनाफे में गिरावट
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में एक्सिस बैंक का शुद्ध मुनाफा 6,035 करोड़ रुपये से घटकर 5,806 करोड़ रुपये रह गया है। ये सालाना आधार पर करीब 3.8% की गिरावट है। ये गिरावट मुख्य रूप से बढ़ी हुई प्रोविजनिंग की वजह से मानी जा रही है।
एनआईआई में हल्की बढ़त
नेट इंटरेस्ट इनकम यानी बैंक को ब्याज से हुई आमदनी 13,448 करोड़ रुपये से बढ़कर 13,560 करोड़ रुपये हो गई है। ये मामूली बढ़त दिखाती है कि लोन बुक में कुछ विस्तार हुआ है, लेकिन मार्जिन्स पर दबाव अभी भी बना हुआ है।
एनपीए में उछाल
बैंक की ग्रॉस एनपीए यानी नॉन-परफॉर्मिंग एटेस बढ़कर 1.28% से 1.57% हो गई है, जबकि नेट एनपीए 0.33% से बढ़कर 0.45% पहुँच गई है। एक्सिस बैंक ने इस तिमाही में 3,948 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग की है, जो पिछली तिमाही की तुलना में तीन गुना से ज्यादा है। इसका सीधा संबंध एनपीए बढ़ने और संभावित क्रेडिट रिस्क से है। इसका असर बैंक के प्रॉफिट पर साफ तौर पर दिख रहा है।
(शेयर मंथन, 17 जुलाई 2025)
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