दिग्गज आईटी कंपनी विप्रो (Wipro) के अक्टूबर-दिसंबर 2015 तिमाही के नतीजे उम्मीदों से कमजोर रहे हैं। इस तिमाही में कंपनी का मुनाफा 2,234.1 करोड़ रुपये रहा है, जो ठीक पिछली तिमाही यानी जुलाई-सितंबर 2015 में 2235.4 करोड़ रुपये के मुनाफे से जरा-सा कम है।
बीती तिमाही में कंपनी की कंसोलिडेटेड आमदनी 12,951.6 करोड़ रुपये रही। इसमें ठीक पिछली तिमाही से 3% की वृद्धि दर्ज की गयी। तीसरी तिमाही में कंपनी की आईटी सेवाओं की आय 12042.8 करोड़ रुपये से बढ़ कर 12,314 करोड़ रुपये रही। आईटी सेवाओं से डॉलर में आय 183.83 करोड़ डॉलर की रही। यह भी अनुमानों से कमजोर रही।
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में एबिट (EBIT) आय 2,482 करोड़ रुपये रही, जो पिछली तिमाही से लगभग 0.5% कम है। वहीं इसका मार्जिन 0.50% अंक घट कर 22.2% पर आ गया। कंपनी ने तीसरी तिमाही के लिए प्रति शेयर 5 रुपये का लाभांश (डिविडेंड) जारी किया है। इस दौरान विप्रो ने 39 नये ग्राहक जोड़े।
कंपनी ने चौथी तिमाही के लिए अपने अनुमान (गाइडेंस) भी बताये हैं। इसका कहना है कि चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च 2016 में इसकी डॉलर आय 187.5-191.2 करोड़ डॉलर की रह सकती है। यह अनुमान तीसरी तिमाही के मुकाबले 2-4% वृद्धि की संभावना को दर्शाता है।
आज सुबह इन नतीजों के बाद विप्रो के शेयर में कमजोरी देखी गयी, लेकिन जल्दी ही यह सँभलता दिखा। इसने नतीजे बाजार खुलने से कुछ पहले ही घोषित कर दिये। बीएसई में इसका शेयर पिछले बंद भाव 543.45 रुपये की तुलना में 537.30 रुपये पर खुला और शुरुआती मिनटों में 531.00 रुपये तक फिसला। मगर जल्दी ही यह हरे निशान में आ गया। सुबह करीब 9.42 बजे यह 0.65 रुपये या 0.12% की मामूली बढ़त के साथ 544.10 रुपये पर चल रहा है। (शेयर मंथन, 18 जनवरी 2016)
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