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अमेरिका में सन फार्मा और ग्लेनमार्क फार्मा का दवा रीकॉल का फैसला

दवाओं के उत्पादन में आई दिक्कतों के कारण सन फार्मा और ग्लेनमार्क फार्मा ने दवा को रीकॉल किया है। रीकॉल का यह फैसला अमेरिका के लिए किया गया है।

 दवाओं की उत्पादन प्रक्रिया में कुछ कमियों के कारण दवा कंपनी ने यह फैसला लिया है। अमेरिकी ड्रग रेगुलेटर यूएसएफडीए की ओर से की गई ताजा कार्रवाई रिपोर्ट के मुताबिक सन फार्मा की अमेरिकी सब्सिडियरी ने टेस्टोस्टेरॉन सिपिओनेट (Testosterone Cypionate) इंजेक्शन के 50,680 वायल (इकाई) को रीकॉल किया है। इस दवा का इस्तेमाल अमेरिकी व्यस्क पुरुष में टेस्टोस्टेरॉन की मात्रा को कम करने के लिए किया जाता है। अमेरिकी ड्रग रेगुलेटर के मुताबिक मुंबई आधारित इस दवा कंपनी ने पानी के लीकेज (रिसाव) के कारण प्रभावित दवाओं को रीकॉल किया है। यह फैसला मौजूदा गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज (cGMP) के उल्लंघन के कारण लिया गया है। यूएसएफडीए के मुताबिक दवा के उत्पादन के दौरान असमान्य सी चीज मशीन पर देखी गई। दवा का प्रभावित लॉट गुजरात के हलोल इकाई में तैयार किया गया था। सन फार्मा की न्यू जर्सी स्थित इकाई ने पूरे अमेरिका में प्रभावित लॉट को क्लास-II के तहत पिछले महीने रीकॉल किया था। यूएसएफडीए के मुताबिक क्लास-II के तहत रीकॉल की गई दवा का इस्तेमाल करने पर अस्थायी और चिकित्सीय आधार पर स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव देखने को मिल सकता है। वैसे इस दवा के इस्तेमाल से लंबी अवधि में स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने की संभावना रहती है।

वहीं इसके अलावा मुंबई मुख्यालय वाली कंपनी ग्लेनमार्क ने भी मोमेटासोन फ्यूरोएट टॉपिकल सॉल्यूशन के 98,307 पैक को रीकॉल करने का फैसला किया है। इस दवा का इस्तेमाल त्वचा से जुड़ी बीमारी के इलाज में किया जाता है। मुख्य तौर पर इस दवा का इस्तेमाल एक्जीमा, सोरायसिस,एलर्जी और खरोंच के लिए किया जाता है। कंपनी की अमेरिकी सब्सिडियरी ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स इंक ने ने दवा को रीकॉल कर रही है। इस दवा का उत्पादन कंपनी के हिमाचल प्रदेश स्थित बद्दी इकाई में किया गया था।
यूएसएफडीए के मुताबिक खराब कंटेनर के कारण दवा को रीकॉल किया जा रहा है। अमेरिका में प्रभावित लॉट को क्लास-III के तहत रीकॉल किया जा रहा है। इस कार्रवाई के तहत यह साफ होता है कि इस दवा के इस्तेमाल का बुरा असर नहीं होता है। अमेरिका में 2019 जेनरिक दवा का बाजार 11520 करोड़ डॉलर था। बाजार के हिसाब से यह दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है। पिछले वित्त वर्ष में भारत ने अमेरिका, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका रूस और नाइजीरिया को 2462 करोड़ डॉलर का दवा निर्यात किया था।

(शेयर मंथन, 24 जुलाई 2022)

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