यु.एस.डी.ए की रिपोर्ट से बने नकारात्मक रुझानों के मद्देनजर बीते दिन सरसों में भी लिवाली का जोर थोड़ा कमजोर बना रहा।
जिसके कारण सर्वाधिक सक्रिय अक्टूबर वायदा अनुबन्ध गिरावट के बावजूद 4262 रुपये के मजबूत सपोर्ट लेवल से ऊपर के स्तर पर बंद हुआ। दीर्घावधि के कारोबारी दृष्टिकोण के तहत बाजार के घरेलू बुनियादी कारको में अभी भी कोई बदलाव नहीं आया है।
रेलिगेयर की सलाह है कि दीर्घावधि के कारोबारी दृष्टिकोण को तहत बाजार के घरेलू बुनियादी कारकों में अभी भी कोई बदलाव नहीं आया है। एक पखवाड़े की तुलना में वर्तमान में सरसों के हाजिर भाव 100-125 रुपये प्रति क्विंटल ऊपर बने हुए है। ध्यान रहे कि पिछले कुछ दिनों से सरसों की माँग में धीरे धीरे बढ़ोतरी हो रही है।
रेलिगेयर के मुताबिक आज इसे 4262 और फिर 4240 पर सहारा मिलने की उम्मीद रहेगी। आज इसके लिए 4310 रुपये और 4332 रुपये पर बाधा है।
(शेयर मंथन 15 सितंबर 2015)
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