खरीफ दालों के उत्पादन में गिरावट की संभावना के बीच मंडियों में चने के स्टॉक में कमी आने और मौजूदा निचले मूल्य स्तरों पर अच्छी माँग निकलने से बुधवार को चना की वायदा कीमतों में बुधवार को अच्छी तेजी देखने को मिली है। इससे पहले सरकार द्वारा दालों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने, आयात शुल्क को शून्य करने और दालों की बढ़ती कीमतों को रोकने के उद्धेश्य से स्टॉक लिमिट को एक वर्ष और बढ़ाकर 30 सितंबर 2016 कर दिये जाने से कीमतों में मंदी का रुझान बना हुआ था।
हालाँकि मंडियों में सटॉक में धीरे धीरे कमी आने और साथ ही चना में त्यौहारी सीजन की माँग निकलने से बाजार धारणा को समर्थन मिलता दिख रहा है। चने के लिए रेलिगेयर की सलाह है कि स्टॉक के धीरे धीरे घटने और नई फसल के आवक में लंबे समय के दखते हुए चने की कीमतो को समर्थन मिलने की संभावना है।
एनसीडीईएक्स में अक्टूबर वायदा के लिए इसका बंद भाव 4508 रुपये था। रेलिगेयर के मुताबिक आज इसे 4474 और फिर 4432 पर सहारा मिलने की उम्मीद रहेगी। आज इसके लिए 4548 रुपये और 4578 रुपये पर बाधा है। (शेयर मंथन, 1 अक्टूबर 2015)
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