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हल्दी और जीरे की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए अड़चन - एसएमसी

हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 6,300 रुपये के स्तर पर रुकावट रहने की संभावना है।

इसका कारण यह है कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में बेहतर बारिश के कारण मौजूदा 2019-20 (जुलाई-जून) सीजन में उत्पादकता अधिक रहने का अनुमान है। हाजिर बाजार में सुस्त माँग और पर्याप्त आवक से भी कीमतों में गिरावट हो सकती है। इरोद टर्मरिक मर्चेंट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में, फिंगर वेराइटी की कीमतें 5,659-7,014 रुपये और रूट वेराइटी की कीमतें 5,159-6,799 रुपये के दायरे में बिक रही हैं। 1,132 बैग हल्दी की आवक में से केवल 500 बैग की बिक्री हुई है। इरोद कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोयाइटी में फिंगर वेराइटी की कीमतें 5,829-6,630 रुपये और रूट वेराइटी की कीमतें 5,150-6,399 रुपये के दायरे में बिक रही हैं।
जीरा वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 17,100 रुपये के स्तर पर अड़चन रहने की संभावना है, क्योंकि कीमतों में सेंटीमेंट अभी भी नरमी का है। जीरा के सबसे बड़े उत्पादक गुजरात में अच्छी बारिश ने आगामी सीजन में उत्पादन का अनुमान हैं। घरेलू खरीदारों की सुस्त माँग और पर्याप्त स्टॉक के कारण ऊँझा में कीमतों में नरमी देखी जा रही हैं।
धनिया वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 5,400 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। स्टॉकिस्टों की ओर से सुस्त खरीदारी और बढ़ी हुई आवक के कारण कीमतों में नरमी का सेंटीमेंट है। रूस और यूक्रेन से आयात में वृद्धि की रिपोर्ट और राजस्थान में बारिश की अच्छी प्रगति के कारण आगामी रबी सीजन में बुवाई में वृद्धि की संभावना से भी कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। (शेयर मंथन, 27 सितंबर 2019)

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