कच्चे तेल की कीमतों में तेजी बरकरार रहने की संभावना है।
इलायची की कीमतों ने 1,100 के स्तर के नजदीक से वर्ष की शुरूआत की और जनवरी में अच्छी-खासी बढ़त दर्ज की।
एसएमसी ने अपनी मासिक रिपोर्ट में जिक्र किया है कि 2019 की दूसरी तिमाही में सोने (Gold) की मांग वर्ष-दर-वर्ष 8% बढ़ कर 1,123 टन हो गयी।
कपास वायदा (अगस्त) में 21,550 रुपये के लक्ष्य के लिए 20,750 रुपये के नजदीक खरीदारी की जा सकती है।
कच्चे तेल की कीमतें 3,680-3,760 रुपये के दायरें कारोबार कर सकती है। पिछले हफ्ते अमेरिकी कच्चे तेल भंडार में गिरावट हुई है, जबकि गैसोलीन और डिस्टीलेट के भंडार में बढ़ोतरी हुई।
सर्राफा की कीमतों में मिला-जुला रुझान रहने की संभावना है, क्योंकि ब्रेक्जिट को लेकर चिंता और अमेरिका एवं चीन के बीच व्यापार युद्ध को लेकर अनिश्चितता के कारण निवेशक ऊहापोह में हैं।
पिछले वर्ष हल्दी की कीमतों में 21% की गिरावट हुई और मसालों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली कमोडिटी रही।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों के रुझान पर कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतें 3,660-3,730 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
कच्चे तेल की कीमतों 3,650-3,750 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
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