हल्दी वायदा (सितम्बर) की कीमतों में कल लगातार तीसरे दिन गिरावट हुई है कीमतें यदि 7,380 रुपये के स्तर पर टूटती है तो 7,225 रुपये तक नीचे जा सकती है।
हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 5,550 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,450 रुपये के स्तर तक गिरावट होने की संभावना है।
हल्दी वायदा (जुलाई) की कीमतों को 7,400 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है और शॉर्ट कवरिंग पर रोक लगी रह सकती है क्योंकि स्थानीय उपभोक्ता केंद्रों और विदेशी बाजार की माँग में कमी आयी है।
हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 5,800 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 5,825 रुपये के पास बाधा का सामना कर रही है और 5,700-5,650 रुपये के स्तर तक गिरावट होने की संभावना है।
हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 5,650 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,500-5,450 रुपये के स्तर तक गिरावट होने की संभावना है।
हल्दी वायदा (जून) की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद 8,000-8,100 रुपये के पास बाधा के साथ 7,700-7,600 रुपये तक गिरावट देखी जा सकती है।
हल्दी वायदा (नवम्बर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है और कीमतों को 5,700 रुपये के पास सहारा और 6,000 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकता है।
स्थिर माँग और उच्च स्तर पर तकनीकी बिकवाली के कारण हल्दी वायदा (नवंबर) की कीमतों में पिछले सप्ताह दबाव रहा।
हल्दी वायदा (जुलाई) की कीमतों के 7,770-7,900 रुपये के दायरे में मजबूत होने की संभावना है और कीमतों की गिरावट पर रोक लगी रह सकती है।
हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों के 7,200-7,400 रुपये के दायरे में मजबूत होने की संभावना है। स्थानीय उपभोक्ता केंद्रों और विदेशी बाजारों की ओर से माँग में गिरावट के कारण तेजी सीमित रह सकती है।
हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों की बढ़त पर 7,550-7,600 रुपये के नजदीक रोक लग सकती है।
हल्दी वायदा (सितंबर) की कीमतों में 6,400 रुपये तक गिरावट जारी रह सकती है।
पर्याप्त माँग के अभाव में हल्दी की कीमतों में रिकवरी नहीं हो रही है।
हल्दी वायदा (अक्टूबर) में 6,100-6,150 रुपये तक शॉर्ट कवरिंग हो सकती है।
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रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने में अब तक नाकाम रहने से झुँझलाये अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर अपने टैरिफ की तलवार घुमा दी है। वहीं भारत ने स्पष्ट कर रखा है कि वह अपनी संप्रभुता और आर्थिक हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा और किसी के दबाव में नहीं आयेगा।
हर वर्ष हम एक अलग पद्धति से म्यूचुअल फंडों के प्रदर्शन की समीक्षा करके विशेष कर इक्विटी की अलग-अलग श्रेणियों में विजेता फंडों (Best Equity Funds) का चयन करते हैं।