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खराब लिस्टिंग के बाद उछले लेंसकार्ट के शेयर, ऐंबिट कैपिटल ने दी थी चेतावनी

चश्मों का खुदरा कारोबार करने वाली कंपनी लेंसकार्ट सॉल्यूशंस लिमिटेड की शेयर बाजार में शुरुआत निराशाजनक रही।

कंपनी के शेयर आज एनएसई पर 395 रुपये प्रति शेयर के भाव पर सूचीबद्ध हुए, जो इसके आईपीओ के ऊपरी मूल्य दायरे 402 रुपये के मुकाबले 1.74% नीचे है। बीएसई पर लिस्टिंग इससे भी कमजोर रही, जहाँ लेंसकार्ट के शेयर 390 रुपये पर खुले, यानी 2.99% छूट पर। लिस्टिंग के बाद कंपनी का कुल बाजार पूँजीकरण 67,659.94 करोड़ रुपये हो गया। लेकिन बाद में शेयरों में रिकवरी देखने को मिली। शेयर 404 रुपये यानी आईपीओ कीमत से 0.63% ऊपर बंद हुआ। 

लेंसकार्ट आईपीओ के निवेशकों को नुकसान

इस तरह लेंसकार्ट के आईपीओ की शुरुआत ग्रे मार्केट की उम्मीदों से भी नीचे रही। सूचीबद्धता से पहले 2% के सीमित लाभ की उम्मीद जतायी जा रही थी। वहीं वास्तविकता में निवेशकों को पहले ही दिन घाटा झेलना पड़ा। इस आईपीओ के एक लॉट में 37 शेयर शामिल थे। यानी एक खुदरा निवेशक को इस आईपीओ में एक लॉट के लिए 14,874 रुपये लगाने की जरूरत पड़ी। बीएसई पर लिस्टिंग के हिसाब से एक लॉट का मूल्य कम होकर 14,430 रुपये रह गया। यानी लिस्ट होते ही निवेशकों को हर लॉट पर 444 रुपये का घाटा हो गया।

ऐंबिट कैपिटल बजायी थी खतरे की घंटी

दिलचस्प बात यह है कि यह कमजोर लिस्टिंग ठीक वैसी ही रही, जैसी चेतावनी प्रमुख ब्रोकरेज फर्म ऐंबिट कैपिटल ने पहले ही दे दी थी। ऐंबिट कैपिटल ने लेंसकार्ट पर कवरेज शुरू करते हुए “सेल” रेटिंग दी थी और निवेशकों को लिस्टिंग पर ही शेयर बेचने की सलाह दी थी। रिपोर्ट में लेंसकार्ट का लक्ष्य मूल्य 337 रुपये प्रति शेयर बताया गया था, जो आईपीओ प्राइस बैंड के ऊपरी स्तर 402 रुपये से करीब 16% नीचे था। यानी ब्रोकरेज के अनुमान के अनुसार, निवेशकों को पहले ही दिन नुकसान का जोखिम था और वही हुआ। बस राहत की बात है कि अनुमान की तुलना में नुकसान कम हुआ।

ऐंबिट कैपिटल की रिपोर्ट में कहा गया था कि लेंसकार्ट की दीर्घकालिक (लॉन्ग-टर्म) वृद्धि की संभावनाएँ मजबूत हैं, लेकिन मौजूदा मूल्याँकन में बढ़त की गुँजाइश बेहद सीमित है। रिपोर्ट के अनुसार, लेंसकार्ट की वृद्धि दर भले अन्य कंपनियों से बेहतर दिखे, लेकिन मूल्यांकन में अंतर इतना बढ़ गया है कि मौजूदा मूल्य पर निवेश को लेकर काफी जोखिम है।

आईपीओ को मिली थी शानदार प्रतिक्रिया

लेंसकार्ट के 7,278 करोड़ रुपये के आईपीओ को निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी। इस आईपीओ में 2,150 करोड़ रुपये के नये शेयर (फ्रेश इश्यू) और 5,128 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ऑफर फॉर सेल) शामिल थी। आईपीओ के लिए मिलीं कुल बोलियाँ 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रही थीं और इसे कुल 28 गुना अधिक सब्सक्रिप्शन मिला था। संस्थागत निवेशकों की श्रेणी में यह आँकड़ा 45 गुना तक रहा था।

लेकिन लिस्टिंग से पहले संकेत मिलने लगे थे कि तस्वीर उतनी उज्ज्वल नहीं है। लेंसकार्ट के ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) में 85% की भारी गिरावट दर्ज की गयी थी। यह अपने उच्च स्तर 108 रुपये से गिरकर महज 8 रुपये रह गया था। यानी बाजार पहले से ही यह संकेत दे रहा था कि लिस्टिंग मामूली या कमजोर रह सकती है। हालाँकि स्थिति इससे भी खराब रही। निवेशकों की बड़ी उम्मीदों के बावजूद, लेंसकार्ट की शुरुआत ने बाजार को उत्साहित नहीं किया।

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