विनय जानना चाहते हैं कि उन्हें महानगर गैस (Mahanagar Gas) के शेयर में आगे क्या करना चाहिए? आइए, बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार से जानते हैं कि शेयरों में आगे क्या होने की संभावना है?
बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार इस सवाल के जवाब में कहते हैं कि महानगर गैस जैसी कंपनियाँ रेगुलेटेड सेक्टर का हिस्सा होती हैं, जहाँ सरकार की प्राइस कंट्रोल नीतियाँ और गैस की कीमतों पर हस्तक्षेप अक्सर मार्जिन और ग्रोथ को सीमित कर देते हैं। यही कारण है कि ऐसे सेक्टरों को लंबे समय के लिए कोर पोर्टफोलियो में रखना जोखिमभरा रहता है। भारत एक कंज्यूमर-ड्रिवन इकॉनमी है और यहाँ लंबी अवधि में वही व्यवसाय बेहतर चलते हैं जिनमें प्राइसिंग फ्रीडम हो, जैसे ऑटो, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स या टूरिज्म। लेकिन गैस डिस्ट्रीब्यूशन जैसे क्षेत्रों में प्राइसिंग पावर सीमित होती है और यही चीज वैल्यूएशन को दबा देती है। महानगर गैस एक ऐसी कंपनी है जहाँ न तो बड़ी गिरावट की आशंका है और न ही तेज रैली की उम्मीद। यह स्टॉक निवेशक के पोर्टफोलियो में एक तरह का ड्रैग बनकर बैठ सकता है। इसलिए इसे कोर पोर्टफोलियो में रखने के बजाय टैक्टिकल, स्टॉप-लॉस आधारित एंट्री और एग्ज़िट बेहतर रणनीति रहती है। असली सुधार तभी आएगा जब कंपनी का मार्जिन और प्राइसिंग पावर दोबारा मजबूत दिखाई दे।
(शेयर मंथन, 11 दिसंबर 2025)
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