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जोखिम संतुलित करेगा मल्टीकैप फंड : ताहेर बादशाह (Taher Badshah)

मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड के सीनियर वीपी और इक्विटी सह-प्रमुख ताहेर बादशाह (Taher Badshah) का कहना है कि उनकी नयी योजना मोस्ट फोकस्ड मल्टीकैप 35 फंड (MOSt Focused Muticap 35 Fund) उनके उत्पादों की श्रृंखला को पूरा करती है।

बादशाह ने शेयर मंथन से बातचीत में कहा कि "हमने पिछले साल मई में ही मोस्ट फोकस्ड 25 फंड नाम से अपनी लार्जकैप स्कीम शुरू की थी। इसमें शेयरों के चयन के लिए जो पैमाना चुना गया था, वह सीमित था जिसमें केवल शीर्ष 100-150 शेयरों के बीच से ही निवेश किया जाना था। अभी दो महीने पहले फरवरी 2014 में हमने मोस्ट फोकस्ड मिडकैप 30 फंड नाम से मँझोले शेयरों में निवेश की योजना शुरू की, जो टॉप 100 के नीचे से लेकर 2000-2500 करोड़ रुपये तक की बाजार-पूँजी वाले शेयरों में निवेश के लिए है। इन दोनों के बाद मोस्ट फोकस्ड मल्टीकैप 35 फंड शुरू करने का एक मुख्य उद्देश्य यह था कि हम अपनी यह श्रृंखला पूरी करना चाहते थे।"

बादशाह आगे बताते हैं कि अब मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड के पास एक लार्जकैप, एक मिडकैप और एक मल्टीकैप फंड है। इसके चलते अलग-अलग सीमा तक जोखिम लेने वाले निवेशकों के लिए पूरी श्रृंखला बन गयी है। उन्हें अपनी-अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर चुनने का विकल्प मिल जाता है। वे कहते हैं कि "हमें एक म्यूचुअल फंड हाउस के तौर पर बहुत ज्यादा फंड नहीं शुरू करने हैं। बहुत सारे म्यूचुअल फंडों में तो यह हाल है कि उनके फंड मैनेजरों को अपनी सारी स्कीमों और उनमें निवेश किये गये शेयरों के नाम याद रखना भी शायद मुश्किल हो। हमें वह काम नहीं करना है।"

इस मल्टीकैप स्कीम की खासियतों का जिक्र करते हुए वे कहते हैं कि इसमें जोखिम-लाभ कुछ संतुलित हो जाता है। एकदम दिग्गज शेयरों वाली लार्जकैप योजना में जोखिम तो हल्का हो जाता है, लेकिन लाभ की उम्मीदें भी कुछ कम हो जाती हैं। उनमें आम तौर पर 15-20% लाभ की उम्मीद रहती है। मँझोले शेयरों की योजना में लाभ की उम्मीद कुछ ज्यादा, 25-30% तक होती है, लेकिन उसमें जोखिम भी बढ़ जाता है। मल्टीकैप फंड दोनों का मिश्रण देता है। जिन निवेशकों को मध्यम जोखिम लेना हो और दिग्गज भरोसेमंद शेयरों के साथ-साथ कुछ मँझोले शेयरों को भी रखने वाला मिला-जुला पोर्टफोलिओ जिन्हें चाहिए, उनके लिए यह अच्छा रहेगा। इसमें लगभग 65% पोर्टफोलिओ दिग्गज शेयरों का होगा, जबकि लगभग 35% हिस्सा मँझोले शेयरों का होगा।

बादशाह कहते हैं कि "इस फंड के अंदर हम अपना झुकाव इधर-उधर करते रह सकते हैं। मान लें कि कभी दिग्गज शेयरों में निवेश बढ़ाना हो या कभी माहौल के अनुसार मँझोले शेयरों पर ज्यादा ध्यान देना है तो हम वैसा कर सकते हैं। जब लगे कि मँझोले शेयरों का मूल्यांकन सस्ता है तो हम उधर जा सकते हैं और जब लगे कि जोखिम से बचना है तो दिग्गजों में निवेश बढ़ा सकते हैं। इसमें यह लचीलापन फंड मैनेजर को मिल जाता है। निवेशक को इस बात की चिंता नहीं करनी पड़ती कि उनके पोर्टफोलिओ में मिडकैप फंड में ज्यादा निवेश है या लार्जकैप फंड में। यहाँ एक ही स्कीम में निवेशक की वह जरूरत पूरी हो जाती है।"

मोस्ट फोकस्ड मल्टीकैप 35 फंड का एनएफओ (NFO) 7 अप्रैल को खुला था और यह 17 अप्रैल को बंद हो रहा है। इसके फंड मैनेजर ताहेर बादशाह और अभिरूप मुखर्जी हैं।

(शेयर मंथन, 16 अप्रैल 2014)

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