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अमेरिका में अहम फैसले से पहले ठिठके सेंसेक्स (Sensex) - निफ्टी (Nifty)

राजीव रंजन झा : राग बाजारी में कल मैंने निफ्टी (Nifty) के लिए दो खास स्तरों का जिक्र किया था – 5800 और 5880 का। 
अब आप कल का ऊपरी स्तर देखें – 5858, और दिन का निचला स्तर भी देखें – 5805 पर। मतलब कल का पूरा दिन बाजार ने कोई खास नया संकेत दिये बगैर निकाल दिया। मेरा मोटा आकलन यही था कि अब बाजार की यह चाल थक गयी है। कल इसी थकान में बाजार ने पूरा दिन बिताया। लेकिन साथ में एक और पहलू भी है। कल अंतरराष्ट्रीय बाजारों से कोई अच्छे संकेत नहीं मिल रहे थे। इसके बावजूद कल निफ्टी ने 5800 का वह स्तर नहीं तोड़ा, जिसके लिए मैंने लिखा था कि “यह 5800 के नीचे फिसल गया तो यह बाजार की चाल पलटने का संकेत बन सकता है।” फेडरल रिजर्व की जिस बैठक पर सारी दुनिया के बाजारों की निगाहें टिकी हैं, उनसे पहले बाजार ने एकदम छोटी अवधि के लिए अपने महत्वपूर्ण समर्थन स्तर को सँभाले रखा। यह एक ऐसा पहलू है, जिस पर आज भी खास नजर रखनी होगी।
लेकिन आज के लिए मैं यह कहूँगा कि 5820 के नीचे जाते ही आप सावधान हो जायें। अगर यह 5820 के नीचे जाये तो यह अंतःदिवस या एकदिनी (इंट्राडे) उतार-चढ़ाव के नजरिये से 5760 की ओर फिसलने की शुरुआत हो सकती है। हालाँकि जो लोग ज्यादा सुरक्षित चलना चाहें, वे 5800 टूटने का इंतजार कर सकते हैं।
जो ज्यादा आक्रामक कारोबार करते हैं और ज्यादा जोखिम ले सकते हैं, वे केवल आज के लिए 5835 के नीचे जाते ही निफ्टी में कमजोरी का नजरिया अपना सकते हैं, जबकि 5860 के ऊपर जाने पर ही मजबूती आने का दाँव लगा सकते हैं। दरअसल ये दोनों स्तर सोमवार को बने शिखर और तलहटी की वापसी में 23.6% और 38.2% के स्तर हैं।
कल भी मैंने जिक्र किया था कि बाजार पलटने की पुष्टि के लिए जरूरी होगा कि यह कम-से-कम 5760 के नीचे जाये। साथ में जोड़ दूँ कि अगर किसी उतार-चढ़ाव में निफ्टी 5760 के नीचे जाने लगे तो अगला सहारा 5670-5680 के पास हो सकता है। ध्यान रखने की बात है कि 10 सितंबर को 5738-5687 के दायरे में बना ऊपरी अंतराल (राइजिंग गैप) भी है, जो एक सहारे का काम कर सकता है। इससे थोड़ा नीचे जायें तो बड़ा सहारा 5635 के पास होगा, जिसके नीचे जाने पर बाजार ज्यादा गहरी गिरावट के लिए तैयार हो जायेगा।
वहीं अगर ऊपर के स्तरों की बात करें तो कल मैंने लिखा था कि “अगर निफ्टी को 6000-6050 छूने का लक्ष्य पूरा करना है, तो इसके लिए जरूरी होगा कि यह 5800 के नीचे जाने के बदले 5880 पार करके टिकता दिखे। इसके 5880 पार करने पर 5950 को फिर से छूना तो स्वाभाविक होगा ही, 6000-6050 तक जाने की भी गुंजाइश फिर से बन जायेगी।” अभी इस आकलन में कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं लगती। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 18 सितंबर 2013)

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