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जुलाई का शिखर पार हो तो निफ्टी (Nifty) 6150, 6229 की ओर

राजीव रंजन झा : फेडरल रिजर्व के चेयरमैन बेन बर्नांके ने कल सबको चौंका दिया और बॉण्ड खरीदारी के कार्यक्रम को धीमा करने का फैसला टाल दिया।
लोगों के बीच अटकलबाजी केवल इस बात पर चल रही थी कि बॉण्ड खरीद की मात्रा में कमी कितनी होगी। चर्चा का विषय यह था कि कमी की मात्रा कितनी रहने पर बाजार में उत्साह बनेगा और किस मात्रा से ज्यादा कमी होने पर बाजार टूटेगा। लेकिन कमी होगी ही नहीं, यह सोचना खुद अमेरिकी जानकारों के लिए भी मुश्किल था। इसीलिए फेडरल रिजर्व के इस फैसले से कल डॉव जोंस, एस ऐंड पी 500 और नैस्डैक कंपोजिट ने 1% से ज्यादा की तेजी दर्ज की।
अमेरिकी बाजार की तुलना में भारतीय बाजार का जोश ज्यादा है और आज सुबह खुलते ही सेंसेक्स (Sensex) - निफ्टी (Nifty) ने करीब 2.5-3% की छलाँग लगा ली। एक अरसे बाद डॉलर की कीमत 62 रुपये से नीचे दिख रही है। अब निफ्टी के सामने दो बड़े लक्ष्य काफी नजदीक दिख रहे हैं। साल 2013 में निफ्टी का अब तक का ऊपरी स्तर 6229 पर है, जो मई में बना था। आज सुबह-सुबह 6092 तक का जो ऊँचा स्तर निफ्टी ने छू लिया, और इस तरह जुलाई के ऊपरी स्तर 6093 की पूरी बराबरी कर ली।
कल सुबह राग बाजारी में मैंने लिखा था कि अमेरिकी बाजार में एक अहम फैसले से पहले भारतीय बाजार ठिठक गये हैं। बेशक मेरा नजरिया ज्यादा सावधान था, और तकनीकी पहलुओं को देख कर मैंने लिखा कि 5820 के नीचे जाते ही सावधान हो जायें। आक्रामक कारोबारियों के लिए मैंने लिखा था कि वे 5835 के नीचे जाने पर कमजोरी का नजरिया अपना सकते हैं। लेकिन कल का निचला स्तर 5840 रहा, यानी मैं जिन स्तरों के नीचे जाने पर कमजोरी देख रहा था, वे स्तर टूटे ही नहीं।
वहीं मैंने मंगलवार को ही लिखा था और कल भी दोहराया था कि "इसके 5880 पार करने पर 5950 को फिर से छूना तो स्वाभाविक होगा ही, 6000-6050 तक जाने की भी गुंजाइश फिर से बन जायेगी।” कल आखिरी घंटे के कारोबार में निफ्टी ने जब 5880 पार किया, उस वक्त खरीदारी सौदे कर लेने वाले कारोबारी आज सुबह जबरदस्त मुनाफे में होंगे।
यहाँ से 6229 का स्तर केवल सवा दो फीसदी दूर है। क्या निफ्टी इस मुकाम की ओर बढ़ पायेगा? आज सुबह के शुरुआती रुझान से ऐसा लग रहा है कि निफ्टी ने जुलाई के शिखर 6093 को पार न करके इस बाधा का सम्मान किया है। लेकिन हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि 6229 से लेकर अगस्त 2013 की तलहटी 5119 तक की गिरावट की 80% वापसी का स्तर 6007 पर थी, जो पार हो चुकी है। इस बारे में मैंने 16 सितंबर को लिखा था कि "अगर यह 5932 से ऊपर जाने का रुझान दिखाये तो इसकी गाड़ी लगभग 6000 से पहले तो नहीं ही रुकेगी।"
लेकिन अब यह गाड़ी 6000 के पास भी नहीं रुकी है। यह रुकी है जुलाई के शिखर 6093 के पास। इसलिए अगर निफ्टी ने जुलाई के शिखर 6093 को भी पार करना शुरू किया तो 6229-5119 की गिरावट की वापसी के आधार पर 6229 को छू लेना बड़ा स्वाभाविक हो सकता है। बेशक, कुछ संरचनाओं के हिसाब से 6093 और 6229 के बीच में ही 6150-6180 के दायरे में भी बाधा बनती है। इसलिए अगर निफ्टी 6093 पार कर सके तो इसकी मौजूदा चाल 6150 से लेकर 6229 तक कहीं भी जा सकती है।
आज सुबह जैसी जबरदस्त उछाल दिख रही है, उसमें कमजोरी की बातें करना हास्यास्पद लग सकता है। लेकिन मैं हमेशा दूसरी स्थिति के बारे में भी लिखता हूँ। आज सुबह निफ्टी एक ऊपरी अंतराल (गैप-अप) के साथ खुला है जो 6040-5917 के दायरे में है। यह अंतराल निफ्टी के किसी उतार-चढ़ाव में सहारे का काम करेगा और इसके नीचे जाने पर आपको यह सोचना पड़ेगा कि क्या भारतीय बाजार की मौजूदा तेजी पूरी हो गयी?  Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 19 सितंबर 2013)

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