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रघुराम (Raghuram) भरोसे कारोबार, क्या आज भी बनेंगे रॉकस्टार?

राजीव रंजन झा : कल सुबह के कारोबार में ऐसा लग रहा था कि निफ्टी (Nifty) जुलाई के शिखर 6093 का सम्मान कर रहा है और ठीक उसके सामने जा कर रुक जा रहा है।
सुबह-सुबह इसने 6092 का ऊपरी स्तर छुआ और उसके बाद यह काफी समय तक 6050-6090 के दायरे में चलता रहा। लेकिन कल सुबह मैंने राग बाजारी में यह भी लिखा था कि “अगर निफ्टी ने जुलाई के शिखर 6093 को भी पार करना शुरू किया तो 6229-5119 की गिरावट की वापसी के आधार पर 6229 को छू लेना बड़ा स्वाभाविक हो सकता है। बेशक, कुछ संरचनाओं के हिसाब से 6093 और 6229 के बीच में ही 6150-6180 के दायरे में भी बाधा बनती है। इसलिए अगर निफ्टी 6093 पार कर सके तो इसकी मौजूदा चाल 6150 से लेकर 6229 तक कहीं भी जा सकती है।”
कल का अंतःदिवस या एकदिनी (इंट्राडे) चार्ट देखें तो आपको यह साफ दिखेगा कि 6093 पार होने के बाद निफ्टी ने बेधड़क 6142 तक का सफर तय कर लिया। इसलिए अब निफ्टी 6150 से 6229 तक कहीं भी जाये तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं। लेकिन कल की स्थिति को देखने के बाद अब बाजार में नयी रणनीति क्या रख जाये? यह ध्यान रखने की बात है कि आज भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति (Monetary Policy) मध्य-तिमाही समीक्षा के कारण बाजार में दोनों तरफ सामान्य से ज्यादा उतार-चढ़ाव दिख सकता है।
आरबीआई की यह समीक्षा दरअसल इसलिए भी बाजार में खास उत्सुकता जगा रही है कि रघुराम राजन (Raghuram Rajan) के गवर्नर बनने के बाद की यह पहली समीक्षा बैठक है। कल जिन क्षेत्रों के शेयरों ने सबसे ज्यादा तेजी दिखायी उनमें बैंकिंग (6.8%), रियल एस्टेट (5.34%) और कैपिटल गुड्स (4.75%) प्रमुख हैं। ऑटो सूचकांक भी 2.85% उछाल दर्ज कर पाया। इन क्षेत्रों के शेयरों का प्रदर्शन देख कर लगता है कि बाजार ने रघुराम राजन से ब्याज दरों में राहत की उम्मीद बाँध ली है। लेकिन यह उम्मीद मुझे खतरनाक लग रही है।
राजन शायद नकदी की स्थिति में ढील देने वाले कुछ कदम भले ही उठा लें, लेकिन मुझे लगता है कि ब्याज दरों में कटौती से पहले शायद वे कुछ और इंतजार करना बेहतर समझें। हालाँकि व्यक्तिगत रूप से मैं तो यही मानता रहा हूँ कि महँगाई के इस भूत को ऊँची ब्याज दरों के मंत्र से कोई डर नहीं लगता। इसी भूत से डर कर सुब्बा राव ने ब्याज दरों को पहले बढ़ाया, फिर ऊँचे स्तरों पर बनाये रखा और घटाने का सिलसिला शुरू करने में हद से ज्यादा देरी की। पर हमने देखा कि महँगाई पर नियंत्रण पाने में उनकी यह नीति बुरी तरह विफल रही।
लेकिन दूसरी ओर अर्थशास्त्रियों का यह तर्क भी अपनी जगह महत्व रखता है कि चाहे महँगाई किसी भी वजह से ऊपर हो, आप ब्याज दरों को महँगाई दर से नीचे तो नहीं ही ला सकते। यह एक तरह से किसी को पैसा मुफ्त में देने जैसा होगा, या फिर शायद उल्टे ऋण लेने पर सब्सिडी देने जैसा!
राजन को इसी उलझन का जवाब तलाशना है। वे बखूबी समझते होंगे कि विकास दर को ऊपर लाने के लिए ब्याज दरों में कटौती जरूरी है, लेकिन महँगाई दर ऊँची रहने के चलते ब्याज दरों में कटौती इतनी आसान भी नहीं है। इस मामले में सुब्बा राव की नीति को विफल कहते हुए भी मेरी सहानुभूति उनके साथ है। लेकिन ऐसी सहानुभूति से विकास दर ऊपर नहीं बढ़ती और विकास दर बढ़े बिना भारतीय अर्थव्यवस्था की समस्याओं का निदान नहीं होने वाला।
खैर, आज अगर कारोबारी किसी सौदे में उतरें तो यह ध्यान रखें कि बाजार दोनों दिशाओं में सामान्य से ज्यादा उतार-चढ़ाव दिखा सकता है और छका भी सकता है। किसी दिशा में चाल बनने का संकेत देने के बाद यह अपनी दिशा बदल सकता है। मुमकिन है कि यह दिन में एक से ज्यादा बार दिशा बदले।
इस सावधानी के बाद अब आज के महत्वपूर्ण स्तरों की बात। अगर निफ्टी (हाजिर यानी स्पॉट) 6100 के नीचे जाये तो सावधान हो जायें, क्योंकि 6100-6090 के नीचे जाने पर 6060-6040 तक की गिरावट की संभावना खुलती है।
कल सुबह निफ्टी ने 6040-5917 के दायरे में ऊपरी अंतराल (राइजिंग गैप) बनाया था। अगर आज निफ्टी इस अंतराल के अंदर वापस प्रवेश कर गया, तो 5980-5960 से पहले सहारा मिल पाना मुश्किल हो सकता है।
रही ऊपर की बात, तो कायदे से कल के शिखर 6142 को पार करने के बाद ही सकारात्मक नजरिया अपनाना बेहतर होगा। चाहें तो 6160 पार होने का इंतजार भी कर सकते हैं। मोटे तौर पर 6140-6160 पार होने के बाद मौजूदा तेजी और आगे बढ़ने की संभावनाएँ ज्यादा रहेंगी। आक्रामक कारोबारी 6125 पार होने के बाद से ही तेजी का नजरिया अपना सकते हैं। लेकिन आज किसी सौदे में उतरने का जोखिम वही लोग लें, जो पूरे दिन एकदम चौकन्ने रह कर बाजार पर नजर रख सकते हैं और दिशा बदलने को बखूबी भाँप सकते हैं। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 20 सितंबर 2013)

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