Select a news topic from the list below, then select a news article to read. गुरुवार को एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट का माहौल रहा। एक ओर जहां जापान का निक्केई सूचकांक 5.25% लुढ़क गया, वहीं हांगकांग का हैंग सेंग 5.15% की कमजोरी के साथ बंद हुआ। इंडोनेशिया के जकार्ता कंपोजिट में भी 5% से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी। ताइवान वेटेड और कॉस्पी में भी 3% से अधिक की कमजोरी रही। सिंगापुर का स्ट्रेट टाइम्स सूचकांक 1.6% की गिरावट के साथ बंद हुआ। लेकिन चीन का शंघाई कंपोजिट गिरावट के इस माहौल से अछूता रहने में कामयाब रहा और सुबह के सत्र की कमजोरी से उबरते हुए 3.68% की बढ़त दर्ज कर बंद हुआ। भारतीय बाजारों में आज छुट्टी है। उधर यूरोपीय बाजारों में भी गुरुवार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई है। भारतीय समयानुसार 4.05 बजे एफटीएसई 100 में 1.8%, फ्रांस के कैक 40 में 1.1% और जर्मनी के डैक्स सूचकांक में 0.90% की कमजोरी है।
अमेरिकी अर्थ जगत में रोजाना जारी किये जा रहे विभिन्न नकारात्मक आंकड़ों के बीच अमेरिकी वित्त सचिव द्वारा जारी किये गये बयान की वजह से बुधवार को भी यानी लगातार तीसरे दिन अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट का क्रम बना रहा और डॉव जोंस में 411 अंकों या 4.73% की कमजोरी दर्ज की गयी। नैस्डैक में 5.17% की गिरावट रही। यदि यूरोप की बात करें, तो डैक्स में लगभग 3% और एफटीएसई 100 में 1.5% की कमजोरी रही। कल यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में आयी गिरावट का साफ असर गुरुवार को एशियाई बाजारों में दिख रहा है। भारतीय समयानुसार दोपहर 12.30 बजे हैंग सेंग और जकार्ता कंपोजिट में लगभग 4.5-5.5% की गिरावट है। जापान का निक्केई सूचकांक 5.25% की गिरावट के साथ बंद हुआ। ताइवान वेटेड में 3.85% की कमजोरी है। स्ट्रेट टाइम्स और कॉस्पी लगभग 3% नीचे चल रहे हैं। एशियाई बाजारों की इस गिरावट से फिलहाल शंघाई कंपोजिट अछूता दिख रहा है, जो शुरुआती कमजोरी के बाद इस समय लगभग 4% की बढ़त पर है।
कमजोरी के मौकों पर भारतीय शेयर बाजार को लगातार सहारा दे रहे म्यूचुअल फंडों को अक्टूबर में निवेशकों की काफी बेरुखी झेलनी पड़ी है। अक्टूबर महीने के दौरान निवेशकों ने म्यूचुअल फंडों से कुल 46,793 करोड़ रुपये का निवेश निकाल लिया।