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अभी सस्ते नहीं होंगे पेट्रोल-डीजल

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हाल में आयी गिरावट के बावजूद देश में पेट्रोल-डीजल अभी सस्ते नहीं होंगे। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने आज संवाददाताओं से बातचीत में साफ किया कि इस समय कीमतें नहीं घटायी जा सकतीं, क्योंकि तेल कंपनियां अब भी भारी घाटा उठा रही हैं।

पेट्रोलियम मंत्री के मुताबिक सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटाने का फैसला तभी लेगी, जब रुपये और डॉलर का उतार-चढ़ाव शांत हो और कच्चा तेल ऐसे स्तरों पर आकर स्थिर हो, जो तेल कंपनियों के अनुकूल हो। देवड़ा का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में अब भी काफी उतार-चढ़ाव बना हुआ है और ऐसे समय में देश में कीमतें घटाना ठीक नहीं होगा।

इस बीच विश्व अर्थव्यवस्था में मंदी के चलते मांग घटने की आशंका से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत लगातार 60 डॉलर प्रति बैरल के नीचे चल रही है। बुधवार को कच्चे तेल का भाव करीब 2.5% घट कर 58 डॉलर के नीचे आ गया, जो बीते 20 महीनों का सबसे निचला स्तर है। इस साल जुलाई में कच्चा तेल 147 डॉलर प्रति बैरल के रिकॉर्ड ऊँचे स्तर पर पहुँच गया था, लेकिन अब यह अपने रिकॉर्ड स्तर से लगभग 60% नीचे आ चुका है। जानकारों का अनुमान है कि अगर आर्थिक चिंताएँ इसी तरह बनी रहीं और विश्व के शेयर बाजारों का फिसलना जारी रहा, तो कच्चे तेल का भाव 50 डॉलर के स्तर को भी छू सकता है।

लेकिन विश्व बाजार में कच्चे तेल का भाव घटने का पूरा फायदा भारतीय तेल कंपनियों को नहीं मिला है, क्योंकि इस दौरान डॉलर की तुलना में रुपया काफी कमजोर हुआ है। बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 2.20% फिसला है। इस गिरावट के बाद एक डॉलर का भाव अब 49.29 रुपये हो गया है। फिलहाल भारतीय तेल कंपनियों को पेट्रोल की खुदरा बिक्री पर तो 4.12 रुपये प्रति लीटर का फायदा हो रहा है, लेकिन डीजल पर 0.96 रुपये प्रति लीटर, केरोसिन पर 22.40 रुपये प्रति लीटर और रसोई गैस पर 343.49 रुपये प्रति सिलिंडर का नुकसान हो रहा है।

 

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