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भारत और ब्रिटेन में ऐतिहासिक समझौते पर सहमति, ये हैं मुक्त व्यापार समझौते की मुख्य बातें

भारत और ब्रिटेन ने तीन सालों की चर्चा के बाद मंगलवार को ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप दे दिया। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को नयी ऊँचाइयों तक ले जाने में मददगार साबित होगा। इससे दोनों प्रमुख वैश्विक आर्थिक ताकतों के व्यापारिक संबंध प्रगाढ़ होने की उम्मीद की जा रही है।

भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते की मुख्य बातें-

ब्रिटेन के लिए शुल्क में कटौती- इस समझौते के तहत भारत में स्कॉच, व्हिस्की और जिन पर लगने वाला शुल्क 150% से घटाकर 75% कर दिया जायेगा। इसे अगले दस वर्षों में 40% तक लाया जायेगा। इसके अलावा, ब्रिटेन से आयातित सौंदर्य प्रसाधनों (कॉस्मेटिक्स), चिकित्सकीय उपकरणों और विमान के पुर्जों पर भी शुल्क में कटौती की जायेगी। इनके अलावा ब्रिटेन से आने वाले विद्युत उपकरणों, शीतल पेय पदार्थों (सॉफ्ट ड्रिंक्स), चॉकलेट, बिस्किट आदि पर भी शुल्क कम किये जायेंगे। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में भारतीय ग्राहकों को इन ब्रिटिश वस्तुओं के लिए कम कीमत चुकानी पड़ेगी।

भारतीय निर्यात को बढ़ावा- ब्रिटेन ने 99% भारतीय निर्यात पर शुल्क समाप्त करने की सहमति दी है। इनमें वस्त्र, खाद्य पदार्थ और आभूषणों समेत कई औद्योगिक वस्तुएँ भी शामिल हैं। इससे भारत के निर्यात में तेजी आयेगी, क्योंकि शुल्क समाप्त होने से भारतीय सामान ब्रिटेन के बाजार में प्रतिस्पर्धी बढ़त में रहेंगे। इससे ब्रिटेन के आम ग्राहकों को भी लाभ होगा। उन्हें सस्ते में भारत में बनने वाले वस्त्र व परिधान, जूते-चप्पल और विभिन्न खाद्य उत्पादों का लाभ मिलेगा।

भारत में बढ़ेगा रोजगार- भारत में इस समझौते से रोजगार के अपार अवसर खुल सकते हैं। जिन क्षेत्रों में निर्यात बढ़ेगा, उनमें निर्यात से जुड़े रोजगार के नये मौके बनेंगे। साथ ही इन क्षेत्रों के श्रम-प्रधान होने से भी रोजगार के प्रत्यक्ष मौकों का सृजन होगा। वस्त्र-परिधान, जूते-चप्पल, खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) अधिक सक्रिय हैं। यानी इस मुक्त व्यापार समझौते से उद्यमिता को भी बढ़ावा मिलेगा।

सेवाओं और वीजा में सुधार- समझौते में सेवाओं के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए प्रावधान शामिल हैं। भारतीय संगीतकारों, शेफ और योग प्रशिक्षकों के लिए वीजा प्रक्रियाओं को सरल बनाया जायेगा। इससे सांस्कृतिक और पेशेवर आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा।

बढ़ेगा दोनों देशों का व्यापार- इस समझौते से 2040 तक द्विपक्षीय व्यापार में 25.5 अरब पाउंड (लगभग 34 अरब डॉलर) की वृद्धि की उम्मीद है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इसे ब्रेक्जिट के बाद का सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौता बताया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे दोनों देशों के लिए महत्वाकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभकारी करार दिया है।

कई मुद्दों पर मतभेद हुए दूर- समझौते की वार्ताओं के दौरान बौद्धिक संपदा अधिकार, डिजिटल व्यापार और रूल्स ऑफ ओरिजिन जैसे मुद्दों पर मतभेद थे। हालाँकि, दोनों पक्षों ने इन मुद्दों पर समझौता कर लिया है, जिससे समझौते को अंतिम रूप देना संभव हुआ है।

(शेयर मंथन, 07 मई 2025)

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