
चीन पर अमेरिका का टैरिफ भारत के लिए नये-नये दरवाजे खोल रहा है। इस बार ये एप्पल कंपनी के रूप में आया है। दरअसल ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन ने अपने हैदराबाद प्लांट में उत्पादन शुरू कर दिया है। कंपनी यहाँ एयरपॉड्स बना रही है और जल्द ही अपने बेंगलुरु प्लांट से आईफोन बनाने का काम शुरू करेगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी का बेंगलुरू प्लांट नया और बड़ा है। इसलिए कंपनी इस प्लांट से आईफोन बनायेगी क्योंकि इसकी माँग एप्पल के दूसरे प्रोडक्ट्स से ज्यादा रहती है।
फॉक्सकॉन बनायेगा 2 करोड़ आईफोन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फॉक्सकॉन ने बेंगलुरु में 25000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। खास बात ये है कि ये कंपनी का चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा प्लांट है। यहाँ कंपनी सालाना 2 करोड़ आईफोन बनायेगी। कंपनी ने आईफोन 17 सीरीज का ट्रायल प्रोडक्शन भी शुरू कर दिया है। वहीं, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स भी नयी आईफोन सीरीज के पार्ट्स जैसे मेटल केसिंग्स बना रहा है।
टाटा बना रहा है आईफोन
मीडिया रिपोर्ट के मुकाबिक तमिलनाडु के होसुर में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का नया प्लांट चालू हो गया है। इस प्लांट में कंपनी आईफोन मॉडल्स को असेंबल कर रही है। रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया जा रहा है कि प्लांट जल्द ही शिपमेंट शुरू करेगा और आने वाले महीनों में उत्पादन और बढ़ेगा। टाटा अब एप्पल का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया है। कंपनी ने पहले ताइवानी कंपनियों पेगाट्रॉन और विस्ट्रॉन के भारत स्थित प्लांट्स को खरीद लिया था।
भारत करेगा अमेरिका की माँग पूरी?
एप्पल अब भारत से अमेरिकी की माँग पूरी करने की योजना पर तेजी से काम कर रहा है। उसकी योजना है कि वो 2026 के अंत तक भारत से हर साल करीब 6 करोड़ आईफोन बनाये। ऐसा करके वो भारत से अमेरिकी माँग को पूरा कर पाएगा।
इसी साल मार्च में ही एप्पल ने भारत से अमेरिका को 2 अरब डॉलर के आईफोन का निर्यात किया है। इन आईफोन में से सबसे ज्यादा आईफोन फॉक्सकॉन ने बनाए हैं लेकिन टाटा भी पीछे नहीं है। आईफोन बनाने में टाटा की भी भागीदारी बढ़ रही है। 2024 में एप्पल ने भारत में करीब 4–4.5 करोड़ आईफोन बनाये, जो उसके वैश्विक उत्पादन का लगभग 18–20% है। जानकारों को उम्मीद है कि 2025 तक यह आँकड़ा 25–30% तक पहुँच जायेगा।
अमेरिका-चीन के तनाव से भारत को फायदा
यहाँ खास बात ये है कि कंपनी ने ये एलान ऐसे समय किया है जब अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर खींच-तान चल रही है। अमेरिका की तरफ से कहा तो जा रहा है कि चीन के साथ समझौता करना चाहता है लेकिन सिर्फ कहा जा रहा है, पहल नहीं हो रही है और ये पहल खुद चीन भी नहीं कर रहा है। अमेरिकी ने चीन से आयात होने वाले सामानों पर 145% का टैरिफ लगाया है।
चीन में बना तो कोई नहीं खरीदेगा आईफोन?
यहाँ बात चीनी सामान की नहीं हो रही है। बात ये है कि अगर चीन में एप्पल अपना आईफोन बनाती है तो वो अमेरिका में उसे नहीं बेच पायेगी जो उसके लिए सबसे बड़ा बाजार है। चीन में बना आईफोन अमेरिका में निर्यात होगा। अमेरिका इसे चीन से आया हुआ माल मानेगा और 145% का टैरिफ लगा देगा। अगर ऐसा होता है तो एप्पल की आपूर्ति श्रंखला बिगड़ जायेगी। इसलिए एप्पल अब भारत को चीन के विकल्प के तौर पर देख रहा है।
(शेयर मंथन, 02 मई 2025)
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