
ईपीसी के क्षेत्र की नामी कंपनी लार्सन ऐंड टूब्रो ने एक समझौते पत्र पर हस्ताक्षर का ऐलान किया है। कंपनी ने यह समझौता पत्र नॉर्वे की कंपनी H2Carrier (H2C) के साथ किया है। इस समझौते पत्र के तहत दोनों कंपनियां आपस में फ्लोटिंग (तैरने वाली) ग्रीन अमोनिया प्रोजेक्ट के लिए सहयोग करेंगी।
इसका इस्तेमाल औद्योगिक जरुरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था में कार्बन के इस्तेमाल को कम करना है। आपको बता दें कि H2C की पावर टू एक्स (PtX) प्रोजेक्ट को विकसित करने के साथ इंटीग्रेट करने में महारत हासिल है। साथ ही उचित लागत में इसे विकसित करती है। समझौते पत्र के तहत लार्सन ऐंड टूब्रो ईपीसीआईसी (EPCIC) के लिए साझीदार होगा। H2C के फ्लोटिंग प्रोसेस इकाईयों के लिए साझीदार बनेगी। H2C की एशिय में P2XFloater बनाने की योजना है। इसमें लार्सन ऐंड टूब्रो प्रोजेक्ट्स के टॉपसाइड प्रोसेस और यूटिलिटी मोड्यूल के डिजाइन और फैब्रिकेशन का काम करेगी। इस प्रोजेक्ट्स में ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया के अलावा इलेक्ट्रोलाइजर, नाइट्रोजन जेनरेशन इकाई और अमोनिया के निर्माण से जुड़ी इकाइयां भी मौजूद होंगी। इस प्रोजेक्ट्स को इस तरह से विकसित किया जाएगा ताकि उसे भारत के अलावा दूसरे देशों में भी ले जाया जा सकेगा। इस प्रोजेक्ट को लोकेशन प्रेफरेंस के आधार पर डिजाइन किया जाएगा। बीएसई (BSE) पर कंपनी का शेयर 0.45% गिर कर 2,150.05 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ।
(शेयर मंथन 13 जनवरी, 2023)
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