

यह मुनाफा पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही के 5703 करोड़ रुपये से 5.7% कम है। ठीक पिछली तिमाही, यानी कारोबारी साल 2012-13 की पहली तिमाही के 4473 करोड़ रुपये के मुकाबले यह 20.2% ज्यादा है। ये नतीजे बाजार के अनुमान के अनुसार रहे हैं। बाजार के विश्लेषकों का अनुमान था कि कंपनी का मुनाफा 5370 करोड़ रुपये के आसपास रहेगा।
कंपनी का शुद्ध कारोबार (नेट टर्नओवर) 90,335 करोड़ रुपये रहा है, जो ठीक पिछली तिमाही के 91,875 से 1.7% कम है। कारोबारी साल 2011-12 की दूसरी तिमाही के 78,569 से 15% ज्यादा है। कंपनी का ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) 9.5 डॉलर प्रति बैरल रहा है। यह 2012-13 की पहली तिमाही में 7.6 डॉलर प्रति बैरल था। हालाँकि इस तिमाही के लिए जानकारों का अनुमान 9-9.5 डॉलर प्रति बैरल का था। इस लिहाज से जीआरएम भी अनुमान के अनुसार कहा जा सकता है। जुलाई-सितंबर 2012 में कंपनी का ईपीएस (बेसिक) घट कर 16.6 रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 17.4 रुपये रहा था।
रिफाइनिंग कारोबार में कंपनी की तिमाही आमदनी 83,878 करोड़ रुपये रही है, जो ठीक पिछली तिमाही के 85,383 करोड़ रुपये से 1.8% कम है। 2011-12 की दूसरी तिमाही के 68,096 करोड़ रुपये से 23.2% ज्यादा है। कंपनी के तेल-गैस खनन कारोबार की आमदनी 2,508 करोड़ रुपये रही है। इसमें तिमाही-दर-तिमाही 10.13% की गिरावट आयी है, जबकि साल-दर-साल 36.7% की कमी आयी है। पेट्रोकेमिकल कारोबार में कंपनी की आमदनी साल-दर-साल 4.7% बढ़ कर 22,058 करोड़ रुपये रही है। इसमें तिमाही-दर-तिमाही भी 1% बढ़ोतरी हुई है।
कंपनी के नतीजे बाजार बंद होने के बाद आये हैं। इसलिए पहली प्रतिक्रिया अब मंगलवार को बाजार खुलने बाद ही दिखेगी। शेयर बाजार में आज के कारोबार में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर भाव में मजबूती का रुख रहा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में आज कंपनी का शेयर 4.30 रुपये यानी 0.53% की बढ़त के साथ 823.20 रुपये पर बंद हुआ। हालाँकि इससे पहले यह ऊपर की ओर 829.70 रुपये चला गया था। (शेयर मंथन, 15 अक्टूबर 2012)
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