भारत के सबसे बड़े गन्ना-उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में गन्ने की कीमत के मसले पर राज्य सरकार और निजी चीनी मिलों के बीच सहमति बन गयी है।
ऐसे में इस सत्र में गन्ने की पेराई आरंभ होने का रास्ता साफ हो गया है। निजी चीनी मिलों के भारी विरोध के बावजूद गन्ने का राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) 280 रुपये प्रति क्विंटल ही रखा गया है। राज्य सरकार ने जहाँ निजी चीनी मिलों को कुछ करों में राहत दी है, वहीं उन्हें गन्ने की कीमत की अदायगी दो चरणों में करने की अनुमति भी दे दी गयी है। गन्ने की आपूर्ति के बाद किसानों को 260 रुपये प्रति क्विंटल दिये जायेंगे वहीं बाकी 20 रुपये प्रति क्विंटल पेराई सत्र के बाद अगले साल मार्च-अप्रैल में दिये जायेंगे। राज्य सरकार जो छूटें प्रदान करने पर तैयार हुई है वह कुल मिला कर 11 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास बैठता है।
इससे पहले निजी चीनी मिलों ने यह कहते हुए किसानों से गन्ना खरीदने से मना कर दिया था कि उन्हें हो रहे घाटे की वजह से 280 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर गन्ने की खरीद उनके लिए व्यावहारिक नहीं है। निजी चीनी मिलें 225 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक भाव देने के लिए तैयार नहीं थीं। (शेयर मंथन, 02 दिसंबर 2013)