भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) यानी आरबीआई (RBI) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि महँगाई अभी भी उसके लक्ष्य की ऊपरी सीमा पर है। आरबीआई ने माना है कि अर्थव्यवस्था के सभी सहभागी यह चाहते हैं ब्याज दरों में कमी हो, लेकिन आरबीआई का कहना है कि यह तभी संभव है जब महँगाई में नरमी के संकेत दिखने लगेंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते वित्त वर्ष के दौरान प्रमुख आर्थिक संकेतक एक साल पहले के मुकाबले कमतर रहे। हालाँकि रिपोर्ट में उम्मीद जतायी गयी है कि बेहतर मॉनसून और सरकारी कर्मचारियों के हाथ में अधिक पैसे होने की वजह से साल 2016-17 आर्थिक वृद्धि दर के लिहाज से पिछले साल के मुकाबले अच्छा रहेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक सड़कों के निर्माण के कार्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, खास तौर पर राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कों में। बंदरगाहों ने बीते एक साल में अपनी क्षमता का सर्वाधिक उपयोग किया है। सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा की उत्पादन क्षमता में बीते एक साल में सर्वाधिक बढ़ोतरी दर्ज की गयी है।
आरबीआई की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साल 2015 से दोपहिया वाहनों और ट्रैक्टरों की बिक्री में बढ़ोतरी माँग में वृद्धि का संकेत है। रिपोर्ट यह भी मानती है कि मेक इन इंडिया जैसी पहलों की वजह से देश में कारोबारी माहौल में सुधार हुआ है। (शेयर मंथन, 29 अगस्त 2016)