भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 मई, 2023 को 2000 रुपये के बैंक नोट को चलन से वापस लेने का ऐलान किया था। उस वक्त प्रचलन में मौजूद इन नोटों का कुल मूल्य 3.56 लाख करोड़ रुपये था। वहीं आरबीआई के मुताबिक, 28 फरवरी 2025 तक बाजार में मौजूद इन नोटों की संख्या घटकर 6,471 करोड़ रुपये रह गयी है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि 98.18% नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ चुके हैं।
2000 रुपये के नोटों की वापसी के ऐलान के बाद लोगों ने अपने पास मौजूद 2000 रुपये के नोटों को या तो वापस कर दिया या फिर, उन्हें बैंक में जमा करा दिया। आरबीआई ने इसके लिए 7 अक्टूबर, 2023 तक का समय दिया था कि बैंक के ब्रांच में जाकर 2,000 रुपये के नोट बदले जा सकते हैं या फिर जमा कराये जा सकते हैं।
हालाँकि, आरबीआई ने साफ किया था कि ये नोट वैध बने रहेंगे। वहीं, एक साल से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी अब जिनके भी पास ऐसे नोट हैं वे रिजर्व बैंक के 19-निर्गम कार्यालयों में जमा कर सकते हैं। आरबीआई के निर्गम कार्यालय 9 अक्टूबर, 2023 से 2000 रुपये के नोट स्वीकार कर रहे हैं।
नोटों को बदलने या जमा करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए किसी भी डाकघर से रिजर्व बैंक के इन कार्यालयों को 2000 रुपये के नोट भेजने की भी सुविधा शुरू की गयी है। इसके बाद इन नोटों को लोगों के खाते में जमा करा दिया जायेगा।
केंद्रीय बैंक के मुताबिक, चलन से वापस लिए जाने के बावजूद 2,000 रुपये के बैंक नोट वैध बने रहेंगे। गौरतलब है कि 2000 रुपये के नोटों को वापस लेना उसकी स्वच्छ नोट नीति का हिस्सा है, ताकि नकली और कम उपयोग किये गये नोटों को चलन से हटाया जा सके। बता दें कि नोटबंदी के दौरान 2000 रुपये के नोट चलन में आये थे।
दरअसल, 8 नवंबर 2016 को पीएम मोदी ने ऐलान किया था कि तत्काल प्रभाव से भारत में 1000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को बंद किया जा रहा है। इस ऐलान के बाद आरबीआई ने सभी को नोट बदलने का वक्त तो दिया था, लेकिन कई दिनों तक लोग बैंकों के बाहर लाइन में खड़े रहते थे और अपने पास मौजूद इन नोटों के बदले जाने का इंतजार करते रहते थे।
(शेयर मंथन, 03 मार्च 2025)
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