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पिछले साल के मुकाबले इतना बढ़ा प्रत्यक्ष कर संग्रह, सरकार के खजाने में आये 25.86 लाख करोड़

चालू वित्त वर्ष में 16 मार्च तक देश के प्रत्यक्ष कर संग्रह में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में जोरदार वृद्धि दर्ज की गयी है। इस संग्रह में कॉरपोरेट टैक्स से ज्यादा गैर-कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन है। ये कर भी करदाताओं से आयकर विभाग वसूलता है। वित्त वर्ष 2024-25 में 16 मार्च तक प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.12% बढ़ने के साथ 25.86 लाख करोड़ रुपये का रहा है।

डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में उछाल के पीछे अग्रिम कर में बढ़ोतरी को माना जा रहा है। इस दौरान इनकम टैक्स रिफंड में 32.51% की वृद्धि दर्ज की गयी, जो 4.6 लाख करोड़ रुपये हो गया। वहीं, रिफंड घटाने के बाद शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 21.26 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13.13% की वृद्धि दर्शाता है।

चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान सरकार ने एडवांस टैक्स की चार किस्तों से 14.62% वृद्धि के साथ 10.44 लाख करोड़ रुपये का संग्रह किया है। वहीं पिछले वित्त वर्ष में यह आँकड़ा 9.11 लाख करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष के लिए अग्रिम कर भुगतान की अंतिम किस्त 15 मार्च, 2025 को थी। सामने आये डेटा के मुताबिक, कॉरपोरेट टैक्स श्रेणी के तहत अग्रिम कर संग्रह 12.54% बढ़ा है और यह 7.57 लाख करोड़ रुपये जा पहुँचा है। वहीं गैर-कॉरपोरेट श्रेणी में एडवांस टैक्स कलेक्शन में 20.47% की वृद्धि हुई है और यह 2.87 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

सीबीडीटी की तरफ से कर संग्रह पर जारी आँकड़ों के मुताबिक, नॉन-कॉरपोरेट कर संग्रह सालाना आधार पर 17% बढ़कर लगभग 11.01 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसमें मुख्य रूप से इनकम टैक्स शामिल है। वहीं 1 अप्रैल, 2024 और 16 मार्च, 2025 के बीच कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में 7% का इजाफा हुआ है और यह 9.69 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया है।

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 208 के अनुसार, जिस व्यक्ति की अनुमानित कर देयता 10,000 रुपये से अधिक होने की संभावना है, उसे उस वर्ष एडवांस टैक्स का भुगतान करना होता है। इसमें सैलरी पाने वाले टैक्सपेयर्स भी हैं। एडवांस टैक्स का भुगतान चार किस्तों में होता है और यह भुगतान वित्त वर्ष के दौरान 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च तक किया जा सकता है।

(शेयर मंथन, 19 मार्च 2025)

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