
शेयर बाजार में मशीनों द्वारा ट्रेडिंग की मात्रा लगातार बढ़ रही है। एक ताजा रिपोर्ट बताती है कि अब तो मशीनों ने ट्रेडिंग के मामले में भारतीय बाजार में इंसानों को भी पीछे छोड़ दिया है। यह पहली बार पिछले वित्त वर्ष के दौरान हुआ है।
एनएसई की मार्केट पल्स रिपोर्ट के मार्च संस्करण में ट्रेडिंग के विभिन्न माध्यमों की हिस्सेदारी के आँकड़े दिये गये हैं। आँकड़ों के अनुसार, एनएसई पर नकदी (कैश) श्रेणी में मशीनों द्वारा ट्रेडिंग की हिस्सेदारी पिछले वित्त वर्ष के दौरान 53.8% पर पहुँच गयी। यह एनएसई के इतिहास में पहली बार हुआ है, जब मशीनों द्वारा होने वाली ट्रेडिंग की हिस्सेदारी 50% से भी ज्यादा हुई हो।
मशीनी ट्रेडिंग को एल्गोरिदमिक (संक्षेप में एल्गो) ट्रेडिंग भी कहा जाता है। कई ट्रेडर ट्रेडिंग में एल्गो का इस्तेमाल करते हैं। इससे मानवीय भूलों की गुंजाइश कम होती है और सटीकता बढ़ जाती है। यही कारण है एल्गो ट्रेडिंग का इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है। वित्त वर्ष 2010-11 से वित्त वर्ष 2023-24 तक बाजार के कैश खंड में इंसानी ट्रेडिंग यानी गैर-एल्गो ट्रेडिंग ही हावी रही थी, लेकिन अब मार्च 2025 में समाप्त हुए वित्त वर्ष में इनकी हिस्सेदारी कम होकर 46.2% रह गयी है।
निवेशक ट्रेडिंग के लिए विभिन्न माध्यमों जैसे कोलोकेशन, डायरेक्ट मार्केट एक्सेस (डीएमए), इंटरनेट-आधारित ट्रेडिंग (आईबीटी), मोबाइल ट्रेडिंग, स्मार्ट ऑर्डर राउटिंग (एसओआर) और सीटीसीएल/नीट टर्मिनल आदि का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा, ट्रेडिंग को एल्गोरिदमिक और गैर-एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग में वर्गीकृत किया जाता है। इससे निवेशकों के व्यवहार को समझने में मदद मिलती है।
आँकड़े बताते हैं कि एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग पिछले वित्त वर्ष के दौरान सालाना आधार पर 430 आधार अंक बढ़ गया। बीते 10 वर्षों में इसमें बेतहाशा वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2014-15 में एल्गोरिद्मिक ट्रेडिंग की हिस्सेदारी महज 37% पर थी, जबकि गैर-एल्गोरिद्मिक ट्रेडिंग की हिस्सेदारी 10 साल पहले 63% पर थी।
मशीनी ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा उपयोग कोलोकेशन की सुविधा का हो रहा है। फरवरी 2025 में कोलोकेशन ट्रेडिंग की हिस्सेदारी 86 आधार अंकों की वृद्धि के साथ 40.2% तक पहुँच गयी, जो इसकी शुरुआत के बाद से सबसे अधिक है। इसके बाद सीटीसीएल/नीट टर्मिनल निवेशकों का पसंदीदा चैनल है, जिसकी हिस्सेदारी फरवरी महीने में 26.1% रही। यह वित्त वर्ष 2019-20 तक सबसे लोकप्रिय माध्यम था, लेकिन इसके बाद कोलोकेशन ने बाजी मार ली। पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में कोलोकेशन की हिस्सेदारी 36.3% रही, जो इसका अब तक का सर्वोच्च स्तर है। कोलोकेशन की यह बढ़ती लोकप्रियता हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग और तेज गति वाले लेनदेन की माँग के कारण है। इस दौरान सीटीसीएल/नीट टर्मिनल की हिस्सेदारी कम होकर इसके सबसे निचले स्तर 27.5% पर आ गयी।
डायरेक्ट मार्केट एक्सेस (डीएमए) की हिस्सेदारी फरवरी 2025 में थोड़ी कम होकर 6.4% रही। हालाँकि पूरे वित्त वर्ष में डीएमए की हिस्सेदारी 6.9% रही, जो इसकी शुरुआत के बाद से सबसे अधिक है। इससे संस्थागत निवेशकों की बढ़ती भागीदारी का पता चलता है। दूसरी ओर, मोबाइल ट्रेडिंग की हिस्सेदारी फरवरी 2025 में 11 महीने के निचले स्तर 19.3% पर आ गयी। इससे पता चलता है कि बाजार में महीनों से जारी गिरावट और नियामकीय सख्तियों की वजह से व्यक्तिगत निवेशकों की ट्रेडिंग गतिविधियाँ कम हुई हैं। हालाँकि, पूरे वित्त वर्ष में इसकी हिस्सेदारी 20.7% रही, जो पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक है।
(शेयर मंथन, 17 अप्रैल 2025)
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