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पुराने शेयरों को डीमैट बनाने में मदद करेगी जीरोधा, सहूलियत के लिए शुरू की ये पहल

भारत की प्रमुख डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनी जीरोधा ने शेयर बाजार के निवेशकों की सहूलियत के लिए एक नयी पहल की है। इसके तहत निवेशकों को उनके पुराने भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों को डीमैट (इलेक्ट्रॉनिक) प्रारूप में बदलने की सुविधा दी जा रही है। खास बात यह है कि जीरोधा की सुविधा वैसे निवेशकों के लिए भी उपलब्ध है, जो जीरोधा के ग्राहक नहीं हैं।

जीरोधा के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नितिन कामत ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर मंगलवार को इस बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि कंपनी को लगातार ऐसे निवेशकों से सवाल मिल रहे थे, जिन्हें माता-पिता या दादा-दादी से उत्तराधिकार में पुराने शेयर प्रमाणपत्र प्राप्त हुए हैं, लेकिन वे यह नहीं जानते कि उनके साथ किया क्या जाये। उन्होंने कहा कि अब ऐसे निवेशक अपने पुराने भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों को डीमैटमें बदल सकते हैं, वह भी बिना जीरोधा में खाता खोले।

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 2019 में एक अहम नियम लागू किया था, जिसके अनुसार भौतिक शेयरों का हस्तांतरण, चाहे वह बिक्री हो या गिरवी रखना, अब डीमैट प्रारूप में ही संभव है। सेबी के नियमों के तहत उत्तराधिकार के मामले को छोड़कर, अन्य सभी तरह के हस्तांतरण पर रोक लगा दी गयी है। उत्तराधिकार में मिले शेयरों को भी डीमैट में बदलना अब आवश्यक है। पुराने शेयर प्रमाणपत्रों को डीमैट में बदलने की प्रक्रिया जटिल मानी जाती है, जिसमें दस्तावेजों का संकलन, कानूनी औपचारिकताएँ और सत्यापन आदि की प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं।

कामत ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, ‘‘हमें बार-बार ऐसी कहानियाँ सुनने को मिलती हैं, जहाँ लोगों को अपने माता-पिता या दादा-दादी के शेयर प्रमाणपत्र मिलते हैं, लेकिन वे यह नहीं जानते कि उन्हें आगे कैसे बढ़ाएँ।’’ उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस सेवा का लाभ लेने के लिए जीरोधा का ग्राहक होना जरूरी नहीं है। कंपनी ने इसके लिए एक समर्पित सहायता टीम तैनात की है, जो डीमैट प्रक्रिया के हर चरण में निवेशकों को मार्गदर्शन देगी। इस पहल का उद्देश्य उन लोगों के लिए रास्ता आसान करना है, जो वर्षों पुराने या विरासत में प्राप्त निवेश को अब उपयोग में लाना चाहते हैं।

भौतिक शेयरों को डीमैट करने की प्रक्रिया में निवेशकों को एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) के माध्यम से डीमैट खाता खोलना होता है, फिर शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में डिपॉजिटरी सिस्टम में स्थानांतरित किया जाता है। जीरोधा की यह पहल पूरी प्रक्रिया को आसान बनाती है, खासकर उन लोगों के लिए जो तकनीकी या कानूनी पहलुओं को लेकर सहज नहीं हैं।

कामत बंधुओं (नितिन और निखिल कामत) द्वारा स्थापित जीरोधा आज देश की सबसे प्रभावशाली रिटेल ब्रोकिंग कंपनियों में से एक है। कंपनी 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परिसंपत्तियों का प्रबंधन करती है और कुल दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम में इसका हिस्सा 15% तक पहुँचता है। हालिया सालों में जीरोधा ने अपनी सेवाओं का दायरा बढ़ाया है, जिसमें मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी (एमटीएफ) और लिक्विडकैस ईटीएफ जैसे उत्पाद शामिल हैं।

(शेयर मंथन, 17 जून 2025)

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