शेयर मंथन में खोजें

मजबूत माँग और रिकॉर्ड निर्यात ऑर्डरों से जून में भारत की कारोबारी गतिविधियाँ बढ़ीं, पीएमआई 14 महीने के शीर्ष पर

भारत की आर्थिक गतिविधियों ने जून महीने में जोरदार रफ्तार पकड़ी है। एचएसबीसी के जारी ताजा फ्लैश पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमएई) सर्वे के मुताबिक, देश की अर्थव्यवस्था इस महीने अच्छी-खासी गति से आगे बढ़ी है, और इसका मुख्य कारण विनिर्माण और सेवा सेक्टर का प्रदर्शन है। एचएसबीसी फ्लैश कंपोजिट आउटपुट इंडेक्स जून में बढ़कर 61 तक पहुँच गया, जो कि पिछले 14 महीनों का सबसे ऊँचा है।

50 के ऊपर मतलब ग्रोथ

पीएमआई इंडेक्स अगर 50 से ऊपर हो तो इसका मतलब है कि आर्थिक गतिविधियों में विस्तार हो रहा है। भारत में ये सूचकांक लगातार तीन साल से ज्यादा समय से 50 के ऊपर बना हुआ है, जो इस बात का संकेत है कि देश की अर्थव्यवस्था लगातार विकास की राह पर है। जून में जो 61 का आँकड़ा सामने आया है, वो “शार्प एंड अबव-ट्रेंड एक्सपैंशन” को दिखाता है, यानी ग्रोथ न केवल तेज रही, बल्कि औसत से भी बेहतर रही।

विनिर्माण बना विकास का हीरो

इस पूरे विकास में विनिर्माण क्षेत्र ने सबसे ज्यादा योगदान दिया। एचएसबीसी फ्लैश इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई जून में बढ़कर 58.4 हो गया, जो मई में 57.6 था। ये अप्रैल 2024 के बाद से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सबसे बेहतर स्थिति को दिखाता है। सर्वे में शामिल कंपनियों ने बताया कि उनकी प्रोडक्शन क्षमता में इजाफा बढ़ती माँग, बेहतर ऑपरेशनल एफिशिएंसी और तकनीकी निवेश के चलते हुआ है। इसके साथ-साथ कंपनियों को नए ऑर्डर भी बड़े पैमाने पर मिले हैं, जिससे बिजनेस एक्टिविटी को और प्रोत्साहन मिला।

सर्विस सेक्टर ने भी पकड़ी रफ्तार

देश के विकास में विनिर्माण क्षेत्र जहाँ अगुवा रहा, वहीं सेवा क्षत्र भी पीछे नहीं रहा। एचएसबीसी फ्लैश इंडिया सर्विस पीएमआई भी जून में 60.7 तक पहुँच गया, जो मई में 58.8 था। ये सर्विस सेक्टर में माँग बढ़ने का सीधा संकेत है। कंपनियों ने बताया कि घरेलू ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी सेवाओं की माँग में इजाफा हुआ है। एशिया, यूरोप, वेस्ट एशिया और अमेरिका जैसे क्षेत्रों से नए क्लाइंट्स जुड़ रहे हैं।

एक्सपोर्ट ऑर्डर से मिली नई ऊर्जा

इस बार के पीएमआई डेटा में एक अहम बात ये भी सामने आई कि एक्सपोर्ट ऑर्डर्स में खासा उछाल आया है। प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों ने बताया कि जून में उन्हें अब तक का सबसे तेज विकास एक्सपोर्ट ऑर्डर्स में देखने को मिला। खासतौर पर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को इस मोर्चे पर जबरदस्त फायदा हुआ है।

रोजगार के मोर्चे पर भी अच्छे संकेत

पीएमआई सर्वे में ये भी सामने आया कि कंपनियाँ अब नए लोगों को नियुक्त करने लगी हैं। मैन्युफैक्चरिंग में जहाँ ऑर्डर्स और बैकलॉग बढ़ रहे हैं, वहीं सर्विस सेक्टर में भी भले ही मई की तुलना में थोड़ा धीमा हो, लेकिन रोजगार की स्थिति मजबूत बनी हुई है। एचएसबीसी की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजल भंडारी के मुताबिक, बढ़ती वैश्विक माँग और ओवरवर्क के चलते मैन्युफैक्चरिंग कंपनियाँ नौकरियाँ बढ़ा रही हैं।

कीमतों में थोड़ी राहत के संकेत

एक और अहम बात ये रही कि इनपुट और आउटपुट प्राइस, यानी कच्चे माल और तैयार माल की कीमतें दोनों ही सेक्टरों में अब भी बढ़ रही हैं, लेकिन उनकी बढ़ोतरी की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है। ये खासकर महँगाई को लेकर एक अच्छा संकेत माना जा रहा है, क्योंकि इससे उम्मीद है कि आने वाले समय में कीमतों पर काबू पाया जा सकता है।

साल भर के लिए उम्मीदें मजबूत, लेकिन सतर्कता भी

हालाँकि सर्वे में शामिल कंपनियों ने आने वाले एक साल को लेकर मजबूत आशाएँ जताई हैं, लेकिन ये भी कहा गया है कि जून में पॉजिटिव सेंटीमेंट का लेवल पिछले दो सालों में सबसे निचले पायदान पर रहा। इसका मतलब ये है कि कंपनियाँ आगे के लिए आशावादी तो हैं, लेकिन सतर्कता के साथ। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कॉन्फिडेंस थोड़ा सुधरा है, जबकि सर्विस सेक्टर में थोड़ा गिरा है।

(शेयर मंथन, 24 जून 2025)

(आप किसी शेयर, म्यूचुअल फंड, कमोडिटी आदि के बारे में जानकारों की सलाह पाना चाहते हैं, तो सवाल भेजने का तरीका बहुत आसान है! बस, हमारे व्हाट्सऐप्प नंबर +911147529834 पर अपने नाम और शहर के नाम के साथ अपना सवाल भेज दें।)

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

देश मंथन के आलेख

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"