
टेलीकॉम में डुओपॉली नहीं चलेगी। विश्व वाई-फाई दिवस के मौके पर टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में साफ शब्दों में कहा कि भारत के टेलीकॉम सेक्टर को दो बड़ी कंपनियों के प्रभुत्व वाली व्यवस्था (डुओपॉली) नहीं चलने दे सकते। उन्होंने कहा कि सरकार हर सेक्टर में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना चाहती है और टेलीकॉम सेक्टर इससे अछूता नहीं है।
दो कंपनियों का दबदबा नहीं चलेगा
सिंधिया का ये बयान ऐसे समय में आया है जब वोडाफोन आइडिया भारी वित्तीय संकट से जूझ रही है और 84,000 करोड़ रुपये के बकाया एजीआर पर राहत की माँग कर रही है। ऐसे में अगर वोडाफोन आइडिया बाजार से बाहर होती है तो भारत के पास केवल दो बड़ी निजी टेलीकॉम कंपनियाँ जियो और एयरटेल ही बचेंगी। सिंधिया ने कहा कि सिर्फ एक या दो कंपनियों का होना काफी नहीं है, हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा जरूरी है।
6 गीगाहर्ट्ज बैंड जल्द होगा डीलाइसेंस
उन्होंने ये भी कहा कि सरकार 6 गीगाहर्ट्ज बैंड को डीलाइसेंस करने के नियम का ऐलान स्वतंत्रता दिवस से पहले करेगी। इसका उद्देश्य देश में बेहतर कनेक्टिविटी और मजबूत कंपटीशन को बढ़ावा देना है, जिससे इंटरनेट सेवाएँ और तेज और आसान बन सकें।
सैटेलाइट से अब गाँवों तक पहुँचेगा नेटवर्क
सिंधिया ने कहा कि सरकार अब लो अर्थ ऑर्बिट (लियो) और मीडियम अर्थ ऑर्बिट (मेमो) उपग्रहों के जरिये देश के उन क्षेत्रों में इंटरनेट पहुँचाना चाहती है जो अब तक नेटवर्क से कटे हुए थे। इसके लिए जल्द ही तीन लाइसेंस जारी किये जाएँगे और स्पेक्ट्रम का आवंटन प्रशासनिक आधार पर किया जाएगा।
डिवाइस न बने नई डिजिटल खाई
कार्यक्रम में सिंधिया ने चिप निर्माता कंपनियों और डिवाइस निर्माताओं यानी ओईएम्स से अपील की कि वो स्मार्टफोन और डिवाइस की कीमतें कम करने में मदद करें। उन्होंने कहा कि हम ये नहीं चाहेंगे कि डिवाइस देश में एक नई डिजिटल डिवाइड बन जाए। डिजिटल पहुँच का फायदा तभी होगा जब हर नागरिक के पास किफायती डिवाइस हों।
(शेयर मंथन, 25 जून 2025)
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