शेयर मंथन में खोजें

एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स

वीआरएल लॉजिस्टिक्स शेयर विश्लेषण, विशेषज्ञ से जानें खरीदें, होल्ड या वेट करें

VRL लॉजिस्टिक्स में नए खरीदारों को मौजूदा दामों पर निवेश करना चाहिए या नहीं, खासकर बोनस के बाद की स्थिति को देखते हुए। इस समय कंपनी का प्राइस-टू-अर्निंग (P/E) अनुपात सापेक्ष रूप से अच्छा दिखता है, लेकिन यदि बिक्री (Sales) और मुनाफ़ा (Profit) की वृद्धि दर कमजोर रहती है, तो यह आकर्षक वैल्यूएशन लंबे समय तक टिक नहीं पाएगा।

एचएएल शेयर निवेशकों के लिए जोखिम या अवसर है? जानें विशेषज्ञ की राय

रक्षा स्टॉक एचएएल की व्यवसाय की स्थिति फिलहाल अच्छी है, लेकिन यदि इसे बिक्री (Sales) के अनुपात में देखा जाए तो वैल्यूएशन महंगा प्रतीत होता है। अकेले पी/ई (P/E) अनुपात देखना गलत नहीं है, लेकिन जब इसे व्यवसाय की परिसंपत्तियों और रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) के संदर्भ में परखते हैं, तो तस्वीर अलग दिखाई देती है।

पेटीएम कब बनेगा मल्टीबैगर, जानिए एक्सपर्ट की राय

पेटीएम के शेयर में पहले तेज गिरावट आई थी, लेकिन अब धीरे-धीरे रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि 1000 रुपये के आसपास पेटीएम में निवेश का अवसर बन सकता है। जानें पेटीएम के शेयरों पर एक्सपर्ट की राय.

ओला इलेक्ट्रिक का शेयर कब मल्टीबैगर बनेगा? निवेश करना जोखिम है या अवसर, जानें एक्सपर्ट की राय

ओला इलेक्ट्रिक पर चर्चा करते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी के सामने सबसे बड़ी चुनौती गुणवत्ता और सेवा की है। जब तक कंपनी अपने उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार नहीं करती, तब तक निवेशकों के लिए भरोसे के साथ इसमें पैसा लगाना मुश्किल है। जानें बाजार विश्लेषक से ओला के शेयरों का हाल.

आने वाले समय में बैंक निफ्टी का क्या रेंज बन रहा है? जानें एक्सपर्ट की राय

भारतीय बैंकिंग सेक्टर आने वाले वर्षों में डिजिटल बदलाव के चलते तेज़ी से बदलने वाला है। फिनटेक कंपनियां और यूपीआई जैसे डिजिटल पेमेंट सिस्टम ने बैंकों के काम करने का तरीका ही बदल दिया है। अब बैंक केवल कर्ज और जमा तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि इनोवेटिव डिजिटल सेवाओं के माध्यम से ग्राहक अनुभव को बेहतर बना रहे हैं। बैंकिंग इंडेक्स में क्या अवसर है?

स्मॉलकैप और मिडकैप निवेश में निवेश के अवसर और जोखिम क्या है? जानें विशेषज्ञ की राय

भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ वर्षों से स्मॉलकैप और मिडकैप कंपनियों का आकर्षण लगातार बढ़ रहा है। निवेशक बड़ी कंपनियों की तुलना में इन छोटे और मध्यम आकार की कंपनियों में ज्यादा रिटर्न की संभावना देखते हैं। यही कारण है कि जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था का विस्तार हो रहा है, वैसे-वैसे इन कंपनियों के लिए नए अवसर भी बन रहे हैं।

निफ्टी ने फिर छुआ 25000 का आंकड़ा, क्या अब गिरावट पर खरीदारी करनी चाहिए? जानें विशेषज्ञ की राय

बाजार की चाल को देखते हुए यह साफ है कि 25,000 के स्तर पर पहुंचने के बावजूद निवेशकों के मन में पूरी संतुष्टि नहीं है। अभी भी 100-200 अंकों की और चाल बाकी मानी जा रही है। इस तेजी में बैंकिंग सेक्टर का योगदान अधिक रहा है, इसलिए निफ्टी आईटी और निफ्टी बैंक दोनों का अलग-अलग विश्लेषण जरूरी है। निफ्टी ने 25,000 का आंकड़ा वापस से छू लिया है तो क्या अब गिरावट पर खरीदारी का मौका होगा?

क्या आपके पास भी है बाजार स्टाइल रिटेल का शेयर, जानें एक्सपर्ट से इसका विश्लेषण

बाजार स्टाइल रिटेल का कंपनी की मौजूदा स्थिति और इसके व्यवसाय मॉडल को देखते हुए यह साफ दिखाई देता है कि इसके वैल्यूएशन अभी बहुत महंगे स्तर पर हैं। सेल्स ग्रोथ अच्छी है, लेकिन नकदी की स्थिति बहुत कमजोर है। कंपनी का मार्केट कैप लगभग 2340 करोड़ रुपये है, जबकि कैश केवल 22 करोड़ रुपये के आसपास है। कर्ज की स्थिति भी चिंताजनक है।

क्या मनाली पेट्रो शेयर में लाभ की संभावना है? विशेषज्ञ से जानिए पूरी कहानी

मनाली पेट्रो के शेयर पर आने वाले छह महीनों का दृष्टिकोण देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इसमें 53–54 रुपये के आसपास एक मजबूत सपोर्ट स्तर बनता दिखाई देता है, जबकि ऊपर की ओर 80–82 रुपये के बीच एक रेजिस्टेंस जोन मौजूद है। क्या मनाली पेट्रो शेयर में लाभ की संभावना है? 

टैरिफ संबंधी चिंताओं के बीच बैंक ऑफ इंडिया म्यूचुअल फंड की निवेश रणनीति क्या है?

भारतीय शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड उद्योग इस समय कई तरह की चुनौतियों और अवसरों से गुजर रहा है। राजनीतिक स्थिति, वैश्विक अस्थिरता और तेल की कीमतों जैसे कारक निवेश प्रवाह को प्रभावित कर रहे हैं। पिछले कुछ समय में बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, लेकिन लंबी अवधि के नजरिए से भारत की ताकत और संभावनाएं स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं। जानें टैरिफ की चिंताओं के बीच निवेश रणनीति बैंक ऑफ इंडिया म्यूचुअल फंड के सीईओ मोहित भाटिया के साथ.

आईटी शेयरों में निवेशकों को आगे क्या करना चाहिए? कब मिलेंगे निवेश के अवसर?

आईटी सेक्टर में इस समय निवेशकों को “वेट एंड वॉच” की स्थिति अपनानी चाहिए। इंफोसिस और टीसीएस जैसी बड़ी कंपनियां भी मौजूदा हालात में तुरंत इस गिरावट के साइकल से बाहर नहीं निकल पाएंगी। जब भी सेक्टर में समस्याएं शुरू होती हैं, तो उन्हें स्थिर होने में समय लगता है। आईटी शेयरों में निवेशकों को आगे क्या करना चाहिए? जानें बाजार विश्लेषक का क्या कहना है?

कहां जाएगी सोने की कीमत? विश्लेषक से जानें निवेश के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

सोने और शेयर बाजार की तुलना अक्सर की जाती है। शेयर बाजार में हजारों कंपनियां और हजार से अधिक अवसर मौजूद होते हैं, जबकि सोना सिर्फ एक ही एसेट क्लास है और उसमें भी एक ही रूप – बुलियन। इसमें कोई अलग-अलग कंपनियों जैसा विकल्प नहीं होता। इसलिए इसे पोर्टफोलियो का केवल एक हिस्सा मानना चाहिए। सामान्यतः 5 से 8 प्रतिशत तक सोने को अपने निवेश पोर्टफोलियो में शामिल करना ठीक रहता है। जानें विश्लेषक से सोने में निवेश करने का सही समय? 

सोना और चांदी: तकनीकी स्तर और भू-राजनीतिक असर

सोने की कीमतों में फिलहाल 50-डे मूविंग एवरेज अहम भूमिका निभा रहा है। जब तक यह फ्लैट स्ट्रक्चर नहीं टूटता, तब तक बड़ा बदलाव देखने की संभावना कम है। बाजार की चाल पर भू-राजनीतिक तनाव का भी असर पड़ता है। अगर हालात शांतिपूर्ण रहते हैं तो सोने में तेजी सीमित रहेगी, लेकिन अगर तनाव बढ़ता है तो सोना निवेशकों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन सकता है। जानें इसपर एक्सपर्ट की राय

एस्कॉर्ट्स कुबोटा के शेयरों का भविष्य, निवेशकों को क्या करना चाहिए?

एस्कॉर्ट्स कुबोटा के जून तिमाही के नतीजे थोड़े कमजोर रहे। इस तिमाही में कंपनी की बिक्री घटी और ग्रोथ भी नकारात्मक रही। इसी वजह से इस समय शेयर का दाम (वैल्यूएशन) थोड़ा महंगा लग रहा है।हालांकि,सितंबर तिमाही में कंपनी की कमाई और बिक्री में सुधार की उम्मीद है, जिससे शेयर को सहारा (Support) मिल सकता है। जानें Escorts Kubota के शेयर पर एक्सपर्ट की राय.

पहली तिमाही के नतीजों के बाद IRCTC के शेयर की चाल - जानें एक्सपर्ट की राय

हाल ही में IRCTC का रिजल्ट आया है। नतीजों को देखते हुए साफ दिखाई दे रहा है कि मुनाफे में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। पिछली बार 3.40 करोड़ का प्रॉफिट था, जबकि इस बार 3.30 करोड़ पर आ गया है। यानी मुनाफे में गिरावट आई है। मार्जिन में सुधार की संभावना जरूर है, लेकिन ग्रोथ की गति धीमी है, जो लंबे समय के लिए अच्छा संकेत नहीं है। इसके बावजूद शेयर का वैल्यूएशन 40-45 गुना तक जा चुका है, जो कि बहुत महंगा माना जाएगा। इतने ऊंचे वैल्यूएशन पर निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। अब सवाल यह है कि इस समय निवेशकों को क्या करना चाहिए? जानें बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार का क्या कहना है?

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

देश मंथन के आलेख