आज सुबह से ही प्रमुख आईटी कंपनी विप्रो (Wipro) के शेयर में कमजोरी का रुझान बना हुआ है। कंपनी ने बुधवार की शाम को बाजार बंद होने के बाद अपने नतीजे पेश किये थे, लिहाजा कल गुरुवार को दशहरे की छुट्टी के बाद आज सुबह इन नतीजों पर बाजार की पहली प्रतिक्रिया सामने आयी है। हालाँकि कंपनी के तिमाही नतीजे मोटे तौर पर उम्मीदों के मुताबिक ही रहे, लेकिन कंपनी अगली तिमाही को लेकर उतना आशावान नहीं है। उसका मानना है कि जाड़ों में अमेरिका और यूरोप में होने वाली छुट्टियों के कारण तीसरी तिमाही के मुनाफे में गिरावट आ सकती है।
विप्रो ने 2015-16 की दूसरी तिमाही में इसने 2235.4 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। पिछले कारोबारी साल की दूसरी तिमाही के मुकाबले कंपनी के मुनाफे में 7.25% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी। बंगलूर स्थित इस कंपनी का पिछले साल इसी अवधि में कुल मुनाफा 2084.8 करोड़ रुपये था। अगर तिमाही-दर-तिमाही देखें तो इसने मुनाफे में 2.18% वृद्धि दर्ज की है। अप्रैल-जून 2015 की तिमाही में इसने 2187.70 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया था।
कंपनी के नतीजों पर आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने अपनी पहली टिप्पणी में कहा है कि ये नतीजे मोटे तौर पर अनुमानों के मुताबिक रहे, जबकि भविष्य के अनुमानों (गाइडेंस) को ठीक-ठाक कहा जा सकता है। आईटी सेवाओं से कंपनी की डॉलर आय तिमाही-दर-तिमाही 2.1% बढ़ कर 183.19 करोड़ डॉलर की रही। आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने 2% वृद्धि के साथ 183 करोड़ डॉलर की आय का पर्वानुमान जताया था।
विप्रो का अनुमान है कि 2015-16 की तीसरी तिमाही में आईटी सेवाओं से उसकी आय 184.1-187.8 करोड़ डॉलर के दायरे में रहेगी। इस अनुमान के आधार पर कंपनी ने नियत विनिमय दर (कॉन्स्टैंट करंसी) के आधार पर तिमाही-दर-तिमाही 0.5-2.5% वृद्धि की संभावना पेश की है।
विप्रो के मुख्य कायर्कारी अधिकारी (सीईओ) टी. के. कूरियन ने इन नतीजों पर कहा कि हम मांग में स्थिरता का माहौल देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि विप्रो के लिए आम तौर पर तीसरी तिमाही सबसे बढ़िया होती है। लेकिन फिलहाल हम यह नहीं कह सकते कि अमेरिका और यूरोप में जाड़ों की छुट्टियों का कारोबार पर क्या असर पड़ेगा। विप्रो की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कंपनियों, टीसीएस और इन्फोसिस ने भी इस बाबत चिंता जतायी है। (शेयर मंथन, 23 अक्टूबर 2015)
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