ब्रिटिश टेलीकॉम के कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा किये जाने के बाद कामगारों के लिए एक और बुरी खबर यह है कि सिटी ग्रुप भी 10,000 और कर्मचारियों की छंटनी करने तैयारी में है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी कंपनी सिटी ग्रुप में 10,000 और कर्मचारियों की छंटनी की योजना है। यह छंटनी सिटी ग्रुप के इनवेस्टमेंट बैंक और दूसरे डिवीजन्स में की जानी है। अगर ऐसा हुआ तो सिटी ग्रुप द्वारा की गयी छंटनी का आंकड़ा साल 2008 में 23,000 तक पहुंच जायेगा।
गुरुवार को दूरसंचार क्षेत्र की कंपनी ब्रिटिश टेलीकॉम (बीटी) ने 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि भारत में स्थित उसके कर्मचारियों की नौकरी पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस छंटनी से प्रभावित होने वाले ज्यादातर लोग ब्रिटिश हैं। देश के हिसाब से सही-सही आंकड़ा देना अभी संभव नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि भारत में लोगों को नहीं हटाया जा रहा है। लगभग 600 लोग भारत में बीटी की नौकरी करते हैं।
यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी द्वारा आधिकारिक रूप से मंदी में पहुंचने की स्वीकारोक्ति के बाद अब इटली भी इसी राह पर आ गया है। इटली सरकार द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार, पिछली तिमाही के तुलना में जुलाई-सितंबर तिमाही में इटली की जीडीपी 0.5% सिकुड़ गयी है। यदि पिछले साल की जुलाई-सितंबर तिमाही से तुलना करें, तो जीडीपी में 0.9% की कमी आयी है। इससे पहले अप्रैल-जून तिमाही में भी इटली की जीडीपी में नकारात्मक विकास दर दर्ज की गयी थी।
गुरुवार को अमेरिकी बाजारों में आयी भारी उछाल के बाद शुक्रवार को एशियाई शेयर बाजारों में भी मजबूती दर्ज की गयी। चीन के शंघाई कंपोजिट सूचकांक में 3% से अधिक की उछाल रही। जापान का निक्केई 2.72% की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि हांगकांग के हैंग सेंग सूचकांक में 2.43% की मजबूती रही। ताइवान वेटेड में भी 0.34% की हल्की बढ़त रही। अपवाद रहा दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जो नीचे की ओर लगभग सपाट बंद हुआ। भारतीय समयानुसार 2.30 बजे बीएसई का सेंसेक्स लगभग 100 अंक नीचे चल रहा है। उधर यूरोपीय बाजारों में शुक्रवार की शुरुआत मजबूती के साथ हुई है। इस समय एफटीएसई 100, कैक 40 और डैक्स सूचकांक 2.5-3.5% की बढ़त पर चल रहे हैं।
न्यूयार्क मर्केटाइल एक्सचेंज में गुरुवार को कच्चा तेल उछाल के साथ बंद हुआ। कच्चा तेल 58.24 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ। यह बुधवार को 56.16 डालर प्रति बैरल पर बंद हुआ था। वहीं गुरुवार को कच्चा तेल वायदा में 4 डॉलर प्रति बैरल का उछाल आया और कच्चा तेल फिर 60 डॉलर प्रति बैरल के पास पहुंच गया। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि कच्चे तेल में ये तेजी लंबे समय तक नहीं रहेगी, क्योंकि कारोबारियों के मन से मंदी का डर जल्दी नहीं जायेगा।
पूरे 21 हफ्तों के बाद भारत में महंगाई दर 10% के नीचे वापस लौटी है। इसलिए पूरी उम्मीद रहेगी कि बाजार इसका एक जश्न मनायेगा। एक दिन की छुट्टी के दौरान भारत कल दुनिया भर के लाल निशानों की मार से बचा रह गया था। आज अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तस्वीर पलट चुकी है और चारों तरफ हरियाली दिख रही है। इसलिए एक सकारात्मक माहौल में महंगाई दर की इस अप्रत्याशित कमी का फायदा मिलना स्वाभाविक ही है।
महँगाई दर के बेहतर आंकड़ों और मजबूत वैश्विक संकेतों की वजह से आज का बाजार थोड़ा ऊपर खुलेगा। सिंगापुर में निफ्टी वायदा बुधवार को एनएसई में निफ्टी के बंद स्तर से लगभग 65 अंक ऊपर है। यह भी बेहतर संकेत है।
तीन दिनों की बिकवाली के बाद निवेशकों ने गुरुवार को फिर से उत्साह दिखाया, जिसकी वजह से डॉव जोंस में 552 अंकों की मजबूती दर्ज की गयी। अमेरिकी बाजारों की इस मजबूती के बाद शुक्रवार की सुबह एशियाई बाजारों में भी हरियाली है।
12.30 बजे: भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार के कारोबार की शुरुआत बढ़त के साथ हुई, लेकिन ये न केवल अपनी शुरुआती बढ़त को गँवा चुके हैं, बल्कि इस समय इनकी गिरावट भी बढ़ गयी है। इस समय सेंसेक्स 158 अंकों की कमजोरी के साथ 9,378 पर है, जबकि निफ्टी में 32 अंकों की कमजोरी है और यह 2,816 पर है। बीएसई के सभी सूचकांकों में इस समय कमजोरी है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सूचकांक में लगभग 3.5% की गिरावट है। धातु, ऑटो और तेल-गैस सूचकांक में भी 2% से अधिक की कमजोरी है। बाजार में चल रही गिरावट के बावजूद भारती एयरटेल में 3% से अधिक मजबूती है। रिलायंस कम्युनिकेशंस और रेनबैक्सी के शेयर भी लगभग 2% ऊपर हैं। बीएचईएल में 5% से अधिक की गिरावट है। रिलायंस इंडस्ट्रीज, जयप्रकाश एसोसिएट्स, एचडीएफसी, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, विप्रो और लार्सन एंड टुब्रो में 3% से अधिक की कमजोरी है। महिंद्रा एंड महिंद्रा, इन्फोसिस, डीएलएफ, टाटा स्टील और एसीसी में 2-3% की गिरावट है।
10.30 बजे: मजबूत वैश्विक संकेतों और महंगाई दर में आयी गिरावट की वजह से भारतीय शेयर बाजारों में सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन की शुरुआत बढ़त के साथ हुई, लेकिन इन्होंने अपनी शुरुआती बढ़त को लगभग गँवा दिया है। इस समय सेंसेक्स 24 अंकों की मजबूती के साथ 9,560 पर है, जबकि निफ्टी में 23 अंकों की बढ़त है और यह 2,871 पर चल रहा है। बीएसई सूचकांकों में आईटी, एफएमसीजी, ऑटो, कैपिटल गुड्स और टीईसीके सूचकांक में कमजोरी है। आईटी सूचकांक में लगभग 2.5% की गिरावट है। रियल्टी सूचकांक तकरीबन 2% मजबूती पर है। धातु सूचकांक में भी 1% की बढ़त है। भारती एयरटेल, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज और टाटा पावर में 3% से अधिक मजबूती है। विप्रो लगभग 5% नीचे चल रहा है। इन्फोसिस में भी 3.5% की गिरावट है।
सबसे अमीर भारतीयों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी ने स्टील किंग लक्ष्मी निवास मित्तल को पछाड़ दिया है। अब मुकेश अंबानी दुनिया के सबसे अमीर भारतीय बन गए हैं। इस बारे में अमेरिका स्थित कारोबारी पत्रिका फोर्ब्स ने 40 सबसे अमीर भारतीयों की एक सूची जारी की है।
फोर्ब्स पत्रिका ने सूची जारी करते हुए बताया कि डालर के मुकाबले रुपये में हो रही गिरावट के मद्देनजर कमजोर शेयर बाजार के कारण भारत के 40 सबसे अमीर लोगों की संपत्ति में करीब 60% की गिरावट आई। फोर्ब्स इंडिया रिच लिस्ट के मुताबिक उनकी संपत्ति अब 139 अरब डालर की है जो सिर्फ एक साल पहले 351 अरब डालर थी। वहीं, फोर्ब्स एशिया ने एक बयान में कहा कि भारतीय उद्योपतियों के लिए यह कठिनाइयों भरा समय है। भारतीय शेयर बाजार में पिछले दिनों में 48% की गिरावट आई। डालर के मुकाबले रुपये में 24% की गिरावट दर्ज हुई। इस साल फोर्ब्स की सूची में जगह बनाने के लिए 76 करोड़ डालर है जो पिछले साल के मुकाबले 84 करोड़ डालर कम है।
गुरुवार को एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट का माहौल रहा। एक ओर जहां जापान का निक्केई सूचकांक 5.25% लुढ़क गया, वहीं हांगकांग का हैंग सेंग 5.15% की कमजोरी के साथ बंद हुआ। इंडोनेशिया के जकार्ता कंपोजिट में भी 5% से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी। ताइवान वेटेड और कॉस्पी में भी 3% से अधिक की कमजोरी रही। सिंगापुर का स्ट्रेट टाइम्स सूचकांक 1.6% की गिरावट के साथ बंद हुआ। लेकिन चीन का शंघाई कंपोजिट गिरावट के इस माहौल से अछूता रहने में कामयाब रहा और सुबह के सत्र की कमजोरी से उबरते हुए 3.68% की बढ़त दर्ज कर बंद हुआ। भारतीय बाजारों में आज छुट्टी है। उधर यूरोपीय बाजारों में भी गुरुवार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई है। भारतीय समयानुसार 4.05 बजे एफटीएसई 100 में 1.8%, फ्रांस के कैक 40 में 1.1% और जर्मनी के डैक्स सूचकांक में 0.90% की कमजोरी है।
अमेरिकी अर्थ जगत में रोजाना जारी किये जा रहे विभिन्न नकारात्मक आंकड़ों के बीच अमेरिकी वित्त सचिव द्वारा जारी किये गये बयान की वजह से बुधवार को भी यानी लगातार तीसरे दिन अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट का क्रम बना रहा और डॉव जोंस में 411 अंकों या 4.73% की कमजोरी दर्ज की गयी। नैस्डैक में 5.17% की गिरावट रही। यदि यूरोप की बात करें, तो डैक्स में लगभग 3% और एफटीएसई 100 में 1.5% की कमजोरी रही। कल यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में आयी गिरावट का साफ असर गुरुवार को एशियाई बाजारों में दिख रहा है। भारतीय समयानुसार दोपहर 12.30 बजे हैंग सेंग और जकार्ता कंपोजिट में लगभग 4.5-5.5% की गिरावट है। जापान का निक्केई सूचकांक 5.25% की गिरावट के साथ बंद हुआ। ताइवान वेटेड में 3.85% की कमजोरी है। स्ट्रेट टाइम्स और कॉस्पी लगभग 3% नीचे चल रहे हैं। एशियाई बाजारों की इस गिरावट से फिलहाल शंघाई कंपोजिट अछूता दिख रहा है, जो शुरुआती कमजोरी के बाद इस समय लगभग 4% की बढ़त पर है।
कमजोरी के मौकों पर भारतीय शेयर बाजार को लगातार सहारा दे रहे म्यूचुअल फंडों को अक्टूबर में निवेशकों की काफी बेरुखी झेलनी पड़ी है। अक्टूबर महीने के दौरान निवेशकों ने म्यूचुअल फंडों से कुल 46,793 करोड़ रुपये का निवेश निकाल लिया।