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हल्दी में नरमी का रुझान, धनिया में तेजी की संभावना - एसएमसी

हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है।
इसकी कीमतों में 6,500 रुपये तक गिरावट जारी रह सकती है। मौजूदा सीजन में हल्दी की पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुए स्टॉकिस्ट थोक खरीदारी की जल्दबाजी में नही हैं। वर्तमान समय में हाजिर बाजारों में हल्दी का कुल भंडार लगभग 20 से 22 लाख बैग है। अगले दो महीने में लगभग 7 से 8 लाख बैग हल्दी की ही खपत हो सकती है, जिससे अगले वर्ष के लिए लगभग 14 से 15 लाख बैग हल्दी शेष बच सकती है। इस कारण अगले वर्ष में हल्दी की कुल आपूर्ति लगभग 85 से 87 लाख बैग (1 बैग 70 किलो ग्राम का) हो सकती है। घरेलू और विदेशी बाजारों में भारतीय हल्दी की कुल खपत लगभग 84 से 86 लाख बैग होने का अनुमान है। इस आधार पर माँग और आपूर्ति लगभग बराबर हो सकती है।
जीरा वायदा (दिसंबर) में 20,500 रुपये के करीब निचले स्तर पर खरीदारी हो सकती है और कीमतों की गिरावट पर रोक लगी रह सकती है। प्रारंभिक आँकड़ों के अनुसार पर्याप्त पानी की कमी के कारण उत्पादन में गिरावट हो सकती है। इसके विपरीत कारोबारियों को उम्मीद है कि मौजूदा वितीय वर्ष के अंत तक जीरे का निर्यात रिकॉर्ड 1.75 लाख टन हो सकता है।
धनिया वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 6,300 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ बढ़त जारी रह सकती हैं। सूत्रों के अनुसार राजस्थान और गुजरात में सूखे की स्थिति के कारण इस वर्ष बुआई में कमी हो सकती है। विश्व स्तर पर यूक्रेन, बुल्गारिया और रूस में इस वर्ष धनिया का उत्पादन लगभग आधा होने का अनुमान है। इसे देखते हुए विश्व स्तर पर धनिया का उत्पदन 40% कम होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 12 नवंबर 2018)

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