विश्व बाजार में तेजी के रुझान के कारण कॉटन वायदा (मार्च) की कीमतों में सोमवार को 1.3% कीबढ़ोतरी हुई है।
कॉटन वायदा (मार्च) की कीमतों में कल 0.4% की रिकवरी हुई है। कीमतें 36,910 रुपये पर सहारा के साथ 37,300 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है।
कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतों में कल 2% की बढ़ोतरी हुई है लेकिन उच्च स्तर पर बिकवाली का दबाव बना रहा।
कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतों में कल 1.3% की बढ़ोतरी हुई है क्योंकि बेहतर माँग के कारण कीमतों को मदद मिली।
माँग में बढ़ोतरी होने के कारण कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में शुक्रवार को 2.3% की बढ़ोतरी हुई है। अब कीमतें 30,070 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 31,600 रुपये स्तर तक पहुँच सकती है।
माँग में बढ़ोतरी होने के कारण कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में कल मामूली बढ़ोतरी हुई है।
कॉटन वायदा (मार्च) की कीमतों में कल 1% की बढ़ोतरी हुई है।
कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतों में कल 0.7% की बढ़ोतरी हुई है क्योंकि बेहतर माँग के कारण कीमतों को मदद मिली।
व्यापार युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन वायदा की कीमतों में गिरावट के बावजूद घरेलू बाजार में आपूर्ति कम होने और मौजूदा सीजन में कम उत्पादन होने से कीमतों में बढ़त दर्ज की जा रही है।
कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 22,000 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ तेजी बरकरार रहने की संभावना है।
व्यापार युद्ध के बढ़ते भय के कारण घरेलू बाजार में कॉटन वायदा की कीमतों की तेजी पर रोक जारी रह सकती है।
कॉटन वायदा (दिसम्बर) की कीमतों को 19,800 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है जबकि कीमतों को 20,140 रुपये पर बाधा रह सकता है।
कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतों में शुक्रवार को सपाट हुई है क्योंकि उच्च स्तर पर बिकवाली का दबाव बना रहा।
कॉटन वायदा (नवंबर) में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण कीमतों में थोड़ी गिरावट हुई है।
कॉटन वायदा (जनवरी) की कीमतों में 21,150 रुपये के पास बाधा के साथ 20,900-20,800 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
एमसीएक्स पर कॉटन वायदा (जून) की कीमतों को 23,920-23,950 रुपये के पास रुकावट का सामना करना पड़ सकता है और कीमतों की बढ़त पर सीमित रह सकती है।
एमसीएक्स पर कॉटन वायदा (जून) की कीमतों को 24,620 रुपये के पास बाधा का सामना करना पड़ सकता है और कीमतों की बढ़त पर सीमित रह सकती है।
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रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने में अब तक नाकाम रहने से झुँझलाये अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर अपने टैरिफ की तलवार घुमा दी है। वहीं भारत ने स्पष्ट कर रखा है कि वह अपनी संप्रभुता और आर्थिक हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा और किसी के दबाव में नहीं आयेगा।
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